अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: हाई बीपी की समस्या को लेकर एसएसबी अस्पताल में दाखिले हुई 46 वर्षीय महिला की एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग कर दोनों किडनियों को बचाने में सफलता हासिल की है। दरअसल उक्त महिला को सिरदर्द की शिकायत को लेकर अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां जांच करने पर महिला का बीपी 220 और 110 चलता रहा। हैरानी की बात यह है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए चार दवाएं भी महिला को दी गई परंतु फिर भी उसका बीपी कंट्रोल में नहीं हुआ।
जांच करने पर पता चला कि महिला की दोनों किडनी की धमनियां 90 प्रतिशत ब्लॉकेज है, जिस पर एसएसबी हाई एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सिद्धांत बंसल द्वारा उन्हें दोनों गुर्दे की एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग ले जाया गया। रोगी को बिना किसी परेशानी के सफलतापूर्वक दोनों गुर्दे की धमनियों को खोला गया। रोगी को बिना किसी (गुर्दे) धमनियों को सफलतापूर्वक खोला गया। इस प्रक्रिया से न केवल उसकी दोनों किडनी को भविष्य में खराब होने से बचाया गया बल्कि उसका रक्तचाप भी नियंत्रण में आया। अब चार बीपी की दवाएं जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, बिना बीपी की दवा के उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। डॉ. सिद्धांत बंसल ने कहा कि हाई बीपी के सभी रोगियों को स्थायी रूप से अपनी जांच करवानी चाहिए क्योंकि कुछ को स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है और उन्हें किसी दवा की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
एसएसबी अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने डा. सिद्धांत व उनकी टीम को इस जटिल प्रक्रिया के सफलतापूर्वक करने पर उन्हें बधाई दी और कहा कि एसएसबी अस्पताल का उद्देश्य लोगों को वाजिब रेटों पर उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना है और इसी को लेकर वह और उनके अनुभवी डॉक्टरों की टीम कार्य कर रही है।
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