अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम का पीला पंजा किसी भी दिन अवैध रूप से ग्रीन बेल्ट के जमीनों पर बने सेक्टर -11 डी की पुलिस चौकी व वहीँ के पार्क में बने एक अवैध गुरुद्वारा पर चल सकता हैं। हालांकि ओल्ड नगर निगम का तोड़फोड़ दस्ता सोमवार को गुरुद्वारा तोड़ने के लिए गई पर वह लोग पुलिस फाॅर्स नहीं मिलने के कारण तोड़ नहीं पाए। यह कार्रवाई एनजीटी व अदालत के आदेश के बाद नगर निगम इस कार्रवाई करने के लिए तैयार हुई हैं। इस मामले में बल्लभगढ़ डीसीपी राजेश कुमार का कहना हैं कि उन्हें इस बारे में कोई सूचना नहीं हैं,इस लिए इसके बारे में कुछ भी बताना उनके लिए मुश्किल हैं।
सेक्टर -11 डी के आरडब्लूए के उपाध्यक्ष विकास सिंह का कहना हैं कि सेक्टर -डी के एक पार्क में जहां पर बच्चों के खेलने कूदने के लिए झूले आदि सुविधाओं को लगाया गया था। शरारती तत्त्वों ने धीरे धीरे उन सभी चीजों को उखाड़ कर फेक दिया और तक़रीबन 2000 -2500 गज जमीनों पर कब्ज़ा करने के नियत से करीब सवा साल पहले एक गुरुद्वारा टैंट वगेरह लगा कर बना दिया। जब वहां के लोगों ने जब एतराज किया तो वह लोग अदालत से एक स्टे ले आए जोकि बहस के बाद में खत्म हो गया। उनका कहना हैं कि इसके बाद यह मामला एनजीटी के अदालत में भी पहुंच गया, वहां से भी वह लोग केस हार गए और केस नगर निगम प्रशासन जीत गया। नगर निगम व कब्जाधारी के बीच चल रहे इस विवाद में ग्रीन बेल्ट की जमीनों पर बने सेक्टर -11 डी के पुलिस चौकी भी चपेट में आ गया और अदालत ने उसे भी तोड़ने का आदेश दे दिए।
खबर हैं कि अदालत के इस आदेश पर जिला उपायुक्त अतुल कुमार ने भी मुहर लगा दी और संबंधित अधिकारीयों गुरुद्वारा व पुलिस चौकी तोड़ने के आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के तोड़फोड़ विभाग के एसडीओ ओ.पी.मोर का कहना हैं कि सोमवार को सेक्टर -11 डी के पार्क में अवैध रूप से बने एक गुरुद्वारा को तोड़ने के लिए अपने टीम के साथ गए थे। वह लोग सेक्टर -11 डी के पुलिस चौकी में पुलिस फोर्स के लिए कई घंटों तक चौकी में बैठे रहे पर उन्हें पुलिस फोर्स नहीं मिला। इस वजह से वह लोग उसे तोड़ नहीं पाए और वह लोग वापिस आ गए। उनका कहना हैं कि अदालत का आदेश यह भी हैं कि इसके साथ में ग्रीन बेल्ट की जमीनों पर अवैध रूप से जो सेक्टर – 11 की पुलिस चौकी बनी हुई उसे भी अवैध गुरुद्वारा के साथ में ही तोड़ दिया जाए। जैसे ही उन्हें अपने बड़े अधिकारी के आदेश होंगें वह लोग उसे भी तोड़ देंगें।
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