अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में ग्लोबली इंटीग्रेटेड फाउंडेशन फॉर थैलेसीमिया (गिफ्ट) के सहयोग से स्टेम सेल डोनर्स का पंजीकरण अभियान – एचएलए टाइपिंग के लिए स्वाबिंग टेस्ट कैंप का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मदद करना है। इस उपलक्ष्य पर महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉक्टर अर्चना भाटिया ने विद्यार्थियों को समाज के प्रति जागरूक करते हुए सभी को इस नेक कार्य से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।एचएलए टाइपिंग एक अनिवार्य प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि दाता और प्राप्तकर्ता के बीच स्टेम सेल मैचिंग संभव हो सके। यह प्रक्रिया रक्त कैंसर, थैलेसीमिया और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के जीवन को बचाने में मदद करती है।स्टेम सेल दान करने के इच्छुक लोगों को इस अभियान में हिस्सा लेने के लिए केवल एक साधारण गाल के स्वाब द्वारा सैंपल देना होता हैं।इसके बाद, एचएलए टाइपिंग के जरिए उनके स्टेम सेल की अनुकूलता का मूल्यांकन किया जाता है और इसमें 60 सेकंड से भी कम समय लगता है। डीएवी शताब्दी महा विद्यालय के सभागार में मदन चावला , फाउंडर एंड प्रेसिडेंट(गिफ्ट) के द्वारा एन.एस. एस स्वयंसेवकों को सैंपल कलेक्शन की ट्रेनिंग दी गई और आज एक विशाल कैंप के द्वारा एच.एल.ए टेस्ट के लिए एन.एस. एस स्वयंसेवकों को प्रेरित किया तथा इसके महत्व के बारे में स्वयंसेवकों को बताया कि वह कैसे एक आसान टेस्ट के द्वारा कैसे स्टेमसेल डोनेट कर सकते है।योगेश (वरिष्ठ प्रबंधक, दात्री एनजीओ) और प्रमोद (प्रबंधक, दात्री एनजीओ) ने बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी दी।उन्होंने प्रेजेंटेशन की सहायता से बहुत ही सरल भाषा में बताया कि स्टेम सेल क्या है और स्टेम सेल की सहायता से कैसे हम किसी की जिंदगी बचा सकते है । इस कार्यक्रम में डॉ जितेंद्र ढुल (पी. ओ. बॉयज विंग) और मिस कविता शर्मा (पी.ओ.गर्ल्स विंग) ने भी छात्रों का उत्साह बढ़ाया। इस कैंप के दौरान 400 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया और सैंपल देने में बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया ।
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