अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने विश्वविद्यालय के साथ हाल ही में संबद्ध हुए इंजीनियरिंग तथा बीएड़ कालेजों की योजना तथा पाठ्यक्रम की समीक्षा करने का निर्णय लिया है तथा इस कार्य के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया है। यह निर्णय आज कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की सभी संबद्ध इंजीनियरिंग तथा बीएड़ कालेजों के प्राचार्याें तथा निदेशकों के साथ बैठक में लिया गया। बैठक में पलवल तथा फरीदाबाद जिलों के सभी संबद्ध इंजीनियरिंग तथा बीएड़ कालेजों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी कालेजों ने अपने संस्थानों की वाईएमसीए विश्वविद्यालय के साथ संबद्धता होने पर प्रसन्नता जताई तथा कहा कि राज्य के अग्रणी तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ जुड़ने से विद्यार्थियों को इसका लाभ होगा। ज्ञात हो कि पलवल तथा फरीदाबाद जिलों में 18 इंजीनियरिंग तथा 32 बीएड़ कालेज चल रहे है और राज्य सरकार ने इन संस्थानों की संबद्धता का अधिकार वाईएमसीए विश्वविद्यालय को प्रदान किया है।
संबद्ध कालेजों में इंजीनियरिंग तथा मैनेजमेंट कार्यक्रम में प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम की समीक्षा एवं बदलाव के लिए संकायाध्यक्ष (इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी) प्रो. तिलक राज की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अन्य सदस्यों में विश्वविद्यालय तथा संबद्ध कालेजों के वरिष्ठ संकाय सदस्य भी शामिल रहेंगे। इसी प्रकार, बीएड़ कालेजों की योजना व पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए प्रो. पी.आर. शर्मा तथा डॉ नीलम तुर्क की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अन्य सदस्यों में संबद्ध बीएड़ कालेजों के वरिष्ठ संकाय सदस्य हिस्सा रहेंगे। बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने संबद्ध कालेजों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय के प्रति उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वाईएमसीए विश्वविद्यालय ने तकनीकी शिक्षा में उच्च मानदंड स्थापित किये है और उन मानदंडों को बनाये रखने के लिए संबद्ध कालेजों को शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। कालेजों द्वारा चलाये जा रहे ऐसे नियमित पाठ्यक्रम, विशेष रूप से पीजी स्तर पर, जिनमें विद्यार्थियों को उपस्थित दिखाकर कक्षाएं लगाने से छूट दी जा रही है, पर गहरी चिंता जताते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि यह प्रवृत्ति चिंताजनक है और ऐसा करने वाले किसी भी कालेज को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कालेजों का औचक निरीक्षण किया और यदि कालेज में ऐसी कोई भी अनियमितता पाई गई तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कालेज प्रशासन को अपने परिसर में विद्यार्थियों तथा अध्यापकों के लिए बॉयोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम स्थापित करने का सुझाव दिया ताकि विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों की भी उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।
बैठक में डीन (इंस्टीट्यूशन्स) प्रो. संदीप ग्रोवर ने अवगत करवाया कि वाईएमसीए विश्वविद्यालय को संबद्ध कालेजों के पूर्ववर्ती संबद्धता विश्वविद्यालय से अभी तक कोई भी रिकार्ड प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही विश्वविद्यालय को रिकार्ड उपलब्ध हो जायेगा, संबद्धता देने संबंधी प्रक्रिया को शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने निर्णय लिया है कि सभी प्रकार के पत्रचार /सूचनाओं का आदान प्रदान ई-मेल अथवा विश्वविद्यालय के वेब पोर्टल के माध्यम से ही किया जायेगा। उन्होंने संबद्ध कालेजों को विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए गठित होने वाले अध्ययन बोर्ड के लिए अपने वरिष्ठ संकाय सदस्यों के नामों की सिफारिश करने का भी अनुरोध किया। बैठक में डीन (अकादमिक) डॉ. विक्रम ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा दाखिला और पंजीकरण संबंधी रूपरेखा व दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे है और इस संबंध में संबद्ध कालेजों को जल्द ही सूचित कर दिया जायेगा।
डिप्टी डीन (संबद्धता) डॉ. आशुतोष ने सभी संबद्ध कालेज को अपने कालेज से संबंधित मूल विवरण तथा महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करवाने का आग्रह किया ताकि उनकी विश्वविद्यालय के साथ संबद्धता प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। बैठक को समन्वयन डॉ. प्रीति सेठी, समन्वयक (संबद्धता) ने किया। बैठक में सभी संकायाध्यक्षों तथा विभागाध्यक्षों ने भी हिस्सा लिया।
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