अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: सिविल जज संदीप सिंह की अदालत ने आज नगर निगम के एक आईएएस अधिकारी सहित चार अधिकारीयों को स्टे के वावजूद दुकानों को तोड़ने के मामले में क्यों न तीन -तीन महीने की सजा सुनाई जाए हैं,अभी इस केस में गिल्टी होल्ड की गई हैं। जिसमें जॉइंट कमिश्नर रही श्रीमती सुनीता वर्मा, कार्यकारी अभियंता वीरेंद्र कर्दम, एसडीओ ओ.पी मोर व कनिष्ठ अभियंता रणवीर सिंह शामिल हैं। श्रीमती सुनीता वर्मा एचसीएच अधिकारी से प्रमोट होकर अब आईएएस बन चुकी हैं व कार्यकारी अभियंता वीरेंद्र कर्दम की पोस्टिंग फरीदाबाद में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडरपास के नजदीक वर्ष -2014 में अवैध रूप से 5 -6 दुकानें बनाई गई थी। इसमें निर्माणकर्ताओं ने बनाई गई दुकानों को नगर निगम से बचाने हेतु अदालत से स्टे ले लिया था इसके वावजूद नगर निगम की जॉइंट कमिश्नर रही श्रीमती सुनीता वर्मा, कार्यकारी अभियंता वीरेंद्र कर्दम , एसडीओ ओ.पी मोर व कनिष्ठ अभियंता रणवीर सिंह ने उन दुकानों को बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद निर्माणकर्ता ने अदालत के स्टे को अनदेखी करने तथा उन्हें नुक्सान पहुंचाने का केस अदालत में डाल दिया था तभी से ही यह केस अदालत में चल रहा था। आज अदालत ने इस केस में गिल्टी होल्ड करते हुए श्रीमती सुनीता वर्मा,कार्यकारी अभियंता वीरेंद्र कर्दम ,एसडीओ ओ.पी मोर व कनिष्ठ अभियंता रणवीर सिंह को अभी इस केस में गिल्टी होल्ड की हैं। कहा कि क्यों न तीन -तीन महीने की सजा सुनाई जाए हैं। खबर हैं कि सजा का एलान अगले तारीख पर किया जाएगा।
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