अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: स्वदेशी जागरण मंच ने कोविड़-19 वैक्सीन और दवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को लेकर चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत 20 जून, 2021 का दिन ‘पेटेंट मुक्त वैक्सीन और दवाओं’ के लिए ‘जागृति दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। ‘जागृति दिवस’ के उपलक्ष्य में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ता 20 जून, 2021 को ‘जागृति दिवस’ के उपलक्ष्य देशभर में प्रातः 11 बजे से 12 बजे के बीच संदेश पट्टिकायें के साथ हरियाणा के 105 स्थानों पर प्रदर्शन करेंगे, जबकि फरीदाबाद में यह प्रदर्शन 15 स्थानों पर किया जाएगा। आज यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में जानकारी देते हुए स्वदेशी जागरण मंच, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख सतेन्द्र सौरोत ने कहा कि कोविड़-19 वैक्सीन और दवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को लेकर स्वदेशी जागरण मंच के आह्वान पर यह प्रदर्शन एक-साथ भारत सहित दुनियाभर के 2000 से अधिक स्थानों पर किया जा रहा है। फरीदाबाद में जिन जगहों पर प्रदर्शन किए जाएंगे, उनमें बीके चैक, चावला कालोनी, घंटाघर चौक, अंबेडकर चौक बल्लबगढ़, प्याली चौक, संजय कालोनी, सेक्टर -55, एनआईटी-1 व 2, वाईएमसीए चैक, ओल्ड फरीदाबाद, सैक्टर-9 मार्केट, सेक्टर- 15 बाजार, सराय ख्वाजा, तिगांव, नीमका और नवादा शामिल हैं।अभियान को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए सतेन्द्र सौरोत ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच द्वारा कोविड़-19 वैक्सीन और दवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को लेकर चलाए जा रहे अभियान में अब तक दुनिया भर से 14 लाख से अधिक लोगों द्वारा याचिका पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जा चुके है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इस अभियान में हरियाणा से 80 हजार तथा फरीदाबाद से 10 हजार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए है। उन्होंने कहा कि आज विश्व की अधिकांश जनसंख्या कोरोना के संक्रमण से भयभीत है।
जबकि देखा गया है कि इस संक्रमण की रोकथाम का एकमात्र उपाये टीकाकरण है। जिस पर कुछेक विकसित देशों का एकाधिकार है। इजराइल और अमेरिका जैसे देशों ने टीकाकरण से कोरोना के संकट को काबू कर लिया है। लेकिन विश्व की एक बड़ी जनसंख्या अभी भी टीकाकरण से वंचित है। कुछ कंपनियां पेटेंट से मुनाफा कमाने के लिए वैक्सीन और दवाओं के असीमित अधिकार देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व और मानवता को बचाने कोविड़-19 वैक्सीन और दवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को लेकर जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के साथ कोविड़-19 वैक्सीन और दवाओं को पेटेंट मुक्त रखने के लिए ट्रिप्स समझौते से छूट के प्रस्ताव को 120 देशों ने समर्थन दिया है। लेकिन कुछ देश, कंपनियां और समूह इसका विरोध कर रहे है, जिनसे पुरजोर आग्रह किया जा रहा है कि वे मानवता के हित में इसका विरोध न करें। इस अवसर पर बोलते हुए जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने भारतीय प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस की वैज्ञानिक खोजों का उदाहरण देते हुए कहा कि जगदीश चंद्र बोस ने अपने जीवनकाल में रेडियो वेव से वायरलैस कम्युनिकेशन की खोज की। लेकिन मानवता के हित में अपनी वैज्ञानिक खोज को कभी पेटेंट नहीं करवाया। उनकी इसी खोज के आधार पर आज इंटरनेट और दूरसंचार के माध्यम विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह मानवता के हित में दुनियाभर की शोध संस्थाओं को कोविड-19 वैक्सीन और दवाओं को लेकर ऐसे दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ताकि मानवता का भला हो। उन्होंने कहा कि यदि विकसित देश सोचते है कि अपने लोगों को वैक्सीन मुहैया करवाकर उन्होंने कोरोना संक्रमण से मुक्ति पा ली, तो यह भ्रम होगा क्योंकि कोरोना पर जीत तब तक नहीं पाई जा सकती जब तक विश्व की समस्त जनसंख्या का टीकाकरण न हो जाये। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के लगातार प्रसार से इसका मुटेशन भी हो रहा है, जिससे ऐसा न हो कि आने वाले समय में वैक्सीन बेअसर हो जाये। इसलिए, मानवता को बचाने के लिए वैक्सीन की सार्वभौमिक पहुंच के लिए सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है।पत्रकार सम्मेलन में स्वदेशी जागरण मंच के अन्य पदाधिकारियों में फरीदाबाद विभाग के सह-संयोजक कुणाल गोयल, संपर्क प्रमुख अमरदीप सिंह, जिला संयोजक राजेन्द्र शर्मा एडवोकेट, फरीदाबाद जिला संपर्क प्रमुख हुकम सिंह, सह संपर्क प्रमुख जितेन्द्र और सह-संयोजक पश्चिम धर्मवीर उपस्थित थे।
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