अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते धंसी हुई सड़क में कभी भी को कोई बड़ा हादसा हो सकता हैं, जिसकी जिम्मेदारी सम्बंधित अधकारी की होगी। दरअसल में नेशनल हाइवे -2 के निकट सेक्टर -37 मोड़ पर बीते एक महीने से सड़क धंसी हुई हैं, जो गड्ढे में तब्दील हो गई हैं, जिसमें हाइवे पर दौड़ती हुई कोई भी गाडी गिर सकती हैं, जिसमें किसी भी इंसान की जान जा सकती हैं, हालांकि पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से बेरीगेट लगाईं हुई हैं, जो पक्का समाधान नहीं हैं। इस मामले में सराय ख्वाजा थाने के एसएचओ सुरेंद्र का कहना हैं कि आज धंसी हुई सड़क में मलबा डलवा दिया गया हैं, ताकि किसी के लिए ये गड्ढा जानलेवा साबित न हो। इस संबंध में नगर निगम के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कर्दम से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, पर वह किसी काम में व्यस्त थे , उन्होनें कहा कि थोड़ी के देर के बाद बात करता हूँ, जैसे ही उनसे इस मामले में जो भी बात होगी इस खबर में एड कर दिया जाएगा।
प्रमुख समाजसेवी उमा शंकर गर्ग का कहना हैं कि सेक्टर -37 मोड़ , जो कि नेशनल हाइवे-2, दिल्ली -फरीदाबाद रोड से सट्टा हैं, सेक्टर- 37 के बिल्कुल मोड़ पर एक महीने पूर्व अचानक से ये सड़क धंस गई, और गड्ढे में तब्दील हो गई थी, ये गड्ढा बिल्कुल सेक्टर -37 मोड़ पर हैं। इस खड्ढे में आने जाने वाली कोई भी तेज रफ्तार गाडियां कभी भी गिर सकती हैं। और आमजनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता हैं।
उनका कहना हैं कि यहां के लोगों ने एनएचएआई को शिकायत की थी, जब एनएचएआई के अधिकारी मौके को आकर देखा तो उन्होनें कहा कि ये एरिया नगर निगम के पास हैं, इसमें वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं। उनका कहना हैं कि ये शिकायत नगर निगम को भी दी गई थी, बावजूद इसके नगर निगम अधिकारी खामोश हैं, लगता हैं कि नगर निगम के अधिकारी को कोई बड़े हादसे का इंतजार हैं। अभी हाल में हुई बारिश में ग्रीन फील्ड कॉलोनी के रेलवे अंडरपास में हुई जलभराव में एक स्कूल बस फंस गई थी। जिसमें स्कूली छात्र -छात्राओं को बहुत मुश्किलों से बचाया गया था। उनका कहना हैं कि जिला प्रशासन के लोग पहले तो जानबूझकर लापरवाही बरते हैं, जब कोई बड़ा हादसा होता हैं, तो फिर गंभीरता दिखाती हैं, और एकाध अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाता हैं। उनका कहना हैं कि इस गड्ढे में सराय ख्वाजा थाना के एसएचओ सुरेंद्र ने आमजनों के सहयोग से मलबा तो डलवा दिया हैं, असल में ये काम तो उनका हैं भी नहीं, फिर भी उन्होनें ये अच्छा काम किया, पर जिसका काम हैं वह जागता क्यों नहीं, वह अपने काम को फर्ज समझ कर करता क्यों नहीं हैं, क्या उसमें इंसानियत खत्म हो गई हैं, या उसमें अपने काम के प्रति शर्म खत्म हो गई हैं। क्या वह अपने पद के काबिल नहीं हैं। गर्ग ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी कमिश्नर विक्रम , नगर निगम कमिश्नर जितेंद्र दहिया से मांग की हैं कि इस गड्ढे को तुरंत प्रभाव ठीक करवाएं, ताकि आम लोगों का जीवन सुरक्षित रह सकें, क्योंकि हर इंसान चाहे वह गरीब हो या अमीर वह सब के सब अपने परिवार के लिए बहुत ही मायने रखते हैं। सम्बंधित अधिकारी को इस मसले पर लापरवाही बरतने पर तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए, और हो सके तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज भी करी जाए।
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