अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : गांव पलवली में पांच लोगो की गोली मारकर ह्त्या करने के मामले में आरोपी पक्ष के सदस्यों की घर वापिसी को लेकर गांव में आज 36 बिरादरी की महापंचायत की गई, जिसमें पंचों ने फेंसला लेते हुए कहा है कि आरोपी पक्ष का कोई भी सदस्य गांव पलवली में नहीं आएगा । इसका मतलब पंचों ने पूरे परिवार का गांव से हुक्का पानी बंद कर दिया है। पंचायत में पीडित पक्ष के सदस्य ने गुस्से में सरदारी के सामने कहा कि अगर आरोपी पक्ष का कोई व्यक्ति गांव में आया तो खून खराबा हो जाएगा और गांव कभी हरियाणा के नक्शे पर भी नहीं दिखाई देगा। इस मामलें में आरोपी पक्ष के परिजनों का कहना हैं कि पंचायत जब भी होता हैं उसमें दोनों पक्षों का सुना जाता हैं पर यह कैसा पंचायत का फैसला हैं।
उनका कहना हैं कि उनके परिवार के 28 लोग जेल में बंद हैं उसमें तक़रीबन लोग बेक़सूर हैं यह सब पुलिस ने पीड़ित पक्ष के गुस्से को खत्म करने हेतु हत्या के जुर्म में निर्दोषों को जेल में बंद कर दिया हैं। उनका कहना हैं कि बीते 17 सितंबर को जो घटनाएं घटी थी वह कोई पलानिंग का हिस्सा नहीं था उस दिन जो हुआ एक दम से अचानक हुआ उसका हम सब को बहुत दुःख हैं। उनका कहना हैं कि वह लोग पिछले तीन -चार महीनों से अपना घर बार छोड़ कर इधर -उधर भटक रहे हैं ऐसे में बच्चों का भविष्य बिल्कुल ख़राब हो रहा हैं न तो वह स्कूल जा पा रहा हैं ना ही वह अपना पढाई कर पा रहा हैं। उनका अपने घर जाना बहुत जरुरी हैं वह कितने दिनों तक दूसरे के घरों में पड़े रहेंगें।
इस बारे में पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरैशी से बातचीत करने हेतु कोशिश की गई पर उन्होनें अपना फोन नहीं उठाया इस वजह से उनका पक्ष नहीं मिल पाया हैं। वैसे भी आज छुट्टी के दिन हैं। वैसे भी इस मामलें में अभी तक पुलिस ने जो भी कार्रवाई की हैं वह एक तरफ़ा की हैं पहले तो दर्जनों लोगों को निर्दोष लोगों को जेल बंद कर दिया इससे पीड़ित पक्षों के होसलें और जाएदा बढ़ गए । कमाल का पुलिस प्रशासन हैं जो अपनी कुर्सी व साख बचाने के लिए,पंचायती फरमानों को सुनाने वाले को सातवें आसमान बिठा दिया जो भी फैसला पीड़ित पक्ष लेता हैं पुलिस प्रशासन उसी पर अपना मोहर लगा देता हैं। देखना हैं कि आज जो पंचायतों ने जो फैसला लिया हैं उस पर पुलिस प्रशासन का क्या नजरिया रहता हैं।
गौरतलब हैं कि करीब साढ़े तीन माह पूर्व में ग्रेटर फरीदाबाद के गांव पलवली में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को तत्कालीन महिला सरपंच परिवार ने गोली मार कर पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया था जिस मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए करीब 28 लोगों को गिरफ्तार किया था जो मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। हाल ही में कुछ दिन पहले आरोपी परिवार के कुछ सदस्य गांव पलवली में आने की कोशिश की थी जिनके आने की खबर से ही पीडित पक्ष ने हंगामा कर दिया था। इसको लेकर आज गांव पलवली में 36 बिरादरी की महापंचायत की गई जिसमें आसपास के दर्जनों गांव के पंचों ने हिस्सा लिया। पंचायत में आरोपी परिवार के सदस्यों को अपनी जीविका चलाने के लिए गांव वापिसी पर चर्चा की गई जिस पर सभी पंचों ने मोहर लगाते हुए कहा कि अगर आरोपी परिवार के सदस्य गांव में आए तो फिर से दोनों पक्षों में झगडा हो सकता है इसलिये पंचों ने फेंसला लिया कि आरोपी पक्ष का कोई भी सदस्य कोर्ट के अंतिम फैंसले तक गांव में नहीं आएगा ।पंचायत में मौजूद रहे पीडित पक्ष के एक सदस्य ने उग्र होते हुए पंचों को कहा कि उनकी मांग है कि आरोपी पक्ष का कोई भी व्यक्ति गांव में नहीं आएगा , अगर गांव में आया तो खून खराब हो जाएगा और इस बार बदले की आग में गांव भी नक्शे से मिट सकता है। वहीं अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि गांव की भलाई के लिए तमाम गावों के पंच -सरपंचों ने पंचायत कर फैंसला लिया है कि आरोपी पक्ष का कोई भी सदस्य गांव में तब तक नहीं आएगा जब तक कोर्ट का पूरा फेंसला सामने नहीं आ जाता। इस पंचायत में मबई से राजेंद्र, एल.आर. शर्मा, गजराज, श्याम लाल, हरवीर, संजय, भान सिंह, धर्म सिंह, पिंटू , हरिराम, गिर्राज शर्मा, देबू शर्मा, दयानंद शर्मा, संजय कौशिक, श्याम सूंदर, लज्जा राम के अलावा सैकड़ों लोग उपस्थित थे।