अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: हरियाणा स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में हरियाणा कला परिषद् के मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर कुरुक्षेत्र के सहयोग से बृज नट मण्डली द्वारा आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय रंग-तरंग नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन “हरियाणा के शेक्सपियर” पंडित लख्मीचंद पर आधारित नाटक “लख्मीप्रेम” का मंचन फरीदाबाद नगर निगम सभागार में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में मेयर सुमन बाला एवं निगम पार्षद मनोज नासवा मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अथितियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की।
मनीष जोशी द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक “लख्मीप्रेम” में मुख्य कलाकारों की भूमिका में प्रशांत, शुभम एवं रिहान रहे। इन तीनों कलाकारों ने नाटक में समय-समय पर पंडित लख्मीचंद का किरदार निभाया। नाटक में सूत्रधार की भूमिका कबीर दहिया ने निभाई। इसके साथ-साथ सुमित, रजत, चन्दन शर्मा, मनदीप, गौरव, राजेश, अभिषेक, मुकेश, अदिति, विभोर, अपूर्व, नरेश, मनोज एवं राकेश ने शानदार अभिनय का प्रदर्शन किया। नाटक के दौरान साज पर सोनू एवं संगीत पर संजीव ने साथ दिया। नाटक “लख्मीप्रेम” की यह भव्य प्रस्तुति अभिनय रंग-मंच, हिसार द्वारा दी गई।
जूनून ने बनाया “सूर्य-कवि”
पंडित लख्मीचंद की लोक साहित्य के प्रति लगन व बढ़ते वर्चस्व के कारण उनके प्रतिद्वंदियों ने उन्हें पारा पिला दिया। जिसके कारण उनकी आवाज और सुरीले कंठ दोनों चले गए। लेकिन कला साधक पंडित लख्मीचंद ने हिम्मत नहीं हारी और कुएं में बैठकर लगातार 11 महीने तक नित्य गायन का अभ्यास किया। अपनी मेहनत और लगन के चलते पंडित लख्मीचंद ने 11 महीने पश्चात अपनी जादुई आवाज और सुरीले कंठ को वापस पा लिया। इसी लोक कला के प्रति उनकी समर्पण भावना ने उन्हें “सूर्य कवि” बना दिया। आज उनके नाम से कई अवार्ड भी दिए जाते हैं। नाटक के अंत में मुख्य अथितियों ने नाटक के लेखक एवं निर्देशक के साथ उनकी पूरी टीम को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके साथ ही बृजनट मण्डली के अध्यक्ष बृजमोहन भारद्वाज एवं राजकुमार गोगा ने मुख्य अथितियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आभार प्रकट किया। नाटक की भव्य प्रस्तुति पर सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों ने जोरदार तालियों से नाटक के कलाकारों एवं आयोजकों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का मंच संचालन बृज नट मण्डली के अध्यक्ष बृजमोहन भारद्वाज ने किया। इस तीन दिवसीय रंग-तरंग नाट्य महोत्सव के अंतिम दिन यानी रविवार को विजय तेंदुलकर दवारा लिखित एवं सोनू रोंझिया द्वारा निर्देशित नाटक “खामोश! अदालत जारी है” का मंचन किया जायेगा।