अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बड़खल झील को पुर्नजीवित करने के लिए हजारों वर्षों से प्राकृतिक तरीके से अरावली की पहाड़ियों से बरसात में आने वाले पानी को दोबारा लाया जाना जरूरी है। इसके लिए उन प्राकृतिक नालों को पुर्नजीवित किया जाएगा जिनके जरिए अरावली की पहाड़ियों से पानी बड़खल झील तक आता था। उपायुक्त विक्रम सिंह मंगलवार देर सांय स्मार्ट सिटी के सीईओ कृष्ण कुमार के साथ बड़खल स्थित बायोटैक ट्रांसलेशन हैल्थ साईंस एंड टेक्नोलॉजी (टीएचएसटीआई) में बड़खल झील पर चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा मीटिंग में निर्देश दे रहे थे।
मीटिंग में संबोधित करते हुए उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि बड़खल झील फरीदाबाद शहर के लिए जीवनदायिनी है। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से यह झील सुखी हुई है और अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस झील को दौबारा से सौंदर्यकरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पहले अरावली की पहाड़ियों से बरसात के दौरान कुछ प्राकृतिक रास्तों से जरिए पानी बड़खल झील में पहुंचता था। अब यह जलस्रोत बंद पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी 14 से ज्यादा पुलिया हैं जो सडक़ इत्यादि बनने की वजह से बंद पड़ी हैं। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द इन सभी पुलिया की सफाई करवाई जाए और खोला जाए।
उन्होंने बायोटेक के अंदर से गुजर रहे नाले का निरीक्षण किया और बायोटैक इंस्टीट्यूट को ही इसकी सफाई व मरक्वमत करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों को दौबारा शुरू करने के लिए स्मार्टसिटी, पीडब्ल्यूडी व बायौटैक विभाग की एक संयुक्त कमेटी गठित की जाए और जो इस पूरे कार्य का निरीक्षण करेगी व अमलीजामा पहुंचाएंगे। इस के बाद उपायुक्त ने बडख़ल झील पर बन रहे घाटों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, बायोटेक के एग्ज़िक्युटिव डायरेक्टर डा. प्रमोद गर्ग, हैड एडमिनिस्ट्रेशन एमवी सेंटो, इस्टेट आफिसर नरेंद्र शर्मा, पीडब्ल्यूडी के एक्सएन प्रदीप संघू सहित खनन व सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments