अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल बादशाह खान के डॉक्टरों की लापरवाही ने ली फिर एक मासूम की जान। परिजनों का आरोप है की डॉक्टरों की लापरवाही से एक 12 साल की बच्ची की जान चली गई। इस मामले में सीएमओ ने जांच कमिटी का गठन कर दिया है. जांच कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर का कहना है कि सात दिन में रिपोर्ट आने के बाद ही मालूम चल पाएगा कि अस्पताल के डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही बरती गई है या नहीं और लापरवाही पाए जाने पर उचित कारवाही की जाएगी।
फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान बिलख-बिलख कर रो रही ये दोनों सास-बहु हैं, जो अपनी बच्ची की मौत पर विलाप कर रही है। दरअसल मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली रोशनी बल्लबगढ़ के कुम्हार वाड़ा में अपने रिश्तेदार के यहां आई हुई थी, जिसे बुखार हुआ तो बल्लबगढ़ सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया। मृतक बच्ची के मामा की सुभाष की मानें तो बल्लबगढ़ अस्पताल में जांच में मालूम चला कि बच्ची को डेंगू है तो वे लोग बी.के अस्पताल में ले आए। बीते 16 नवंबर को वे बच्ची को लाए थे, लेकिन अस्पताल में बच्ची को सही इलाज नहीं मिला। तब तक बच्ची की हालत में सुधार आ रहा था।
कल दोपहर बाद उसकी तबियत बिगड़ने लगी और उसे उल्टियां होने लगी। लेकिन डॉक्टरों ने तबियत बिगड़ने पर उसका इलाज नहीं किया तथा इलाज के लिए केहने पर उन्हें वहां से भगा दिया। रात को उसकी बहन का फ़ोन आया कि रोशनी को डॉक्टर यहाँ से रेफर कर रहे हैं। आज सुबह मालूम चला कि बच्ची की मौत हो गई है। परिजनों का कहना है कि बच्ची की मौत इलाज में लापरवाही बरतने के कारण हुई है। इस मामले में जांच के अध्यक्ष डॉ वीरेंदर यादव की मानें तो मुझे ये जांच सौंपी गई है। सात दिन में वे अपनी रिपोर्ट दे देंगे। उनकी मानें तो पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में भी उन्हें पूरी मदद मिलेगी|