अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में भावांतर भरपाई योजना के तहत फसलों के संरक्षित मूल्यों में बढ़ोतरी की है। इसके अलावा वर्तमान में गेहूं, जौ,चना, सरसों, सूरजमुखी आदि की पांच फसलों के अलावा अब छह अन्य फल तथा सब्जियों की फसलें भी योजना में कवर की जा रही है । उपायुक्त अतुल कुमार ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिये कि वे सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार योजना का किसानों में प्रचार प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक किसानो को इस योजना का लाभ हो। इसी दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग , जिला अग्रणी बैंक अधिकारी और विभिन्न बैंको के अधिकारियों सहित योजना के भागीदार विभागों के अधिकारियों की कार्यशालाए भी आयोजित करवाई गई थी । कार्यशालाओं में विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों का किसानों तथा बैंको के अधिकारियों के साथ आपसी तालमेल बारे सुझाव सांझे किए गए। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी फसल का निर्धारित समयावधि में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। गेहूं, जौ,चना,सरसों व सूरजमुखी आदि फसलों के साथ-साथ आलू, फूलगोभी, गाजर, मटर व किन्नू आदि फल और सब्जियों की फसलों का पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि 31दिसम्बर निर्धारित है।
पंजीकरण के लिए कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।यह जानकारी देते हुए उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में प्याज, फूलगोभी,आलू व टमाटर सहित 4 सब्जियों की फसलों के लिए संरक्षित मूल्य निर्धारित किए थे। इस योजना के प्रति किसानों का उत्साह देखते हुए अब सरकार ने प्याज के संरक्षित मूल्य को 600 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 650 रुपये तथा फूलगोभी के संरक्षित मूल्य को 600 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। उन्होंने बताया कि दो फल व चार सब्जियों की फसलें भी कवर होंगी। इन चार फसलों के अलावा अब सरकार ने छह और नई फसलों को इस योजना में शामिल किया है, जिनमें दो फल व चार सब्जियों की फसल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि किन्नू की फसल के लिए 1100 रुपये प्रति क्विंटल, अमरुद के लिए 1300 रुपये प्रति क्विंटल, गाजर की फसल के लिए 700 रुपये प्रति क्विंटल, मटर के लिए 1100 रुपये प्रति क्विंटल, शिमला मिर्च के लिए 900 रुपये प्रति क्विंटल तथा बैंगन के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल का संरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, गेहूं का प्रीमियम 382.43 रूपये की धनराशि पर 25492.22 रूपये की धनराशि का बीमा, जौ का प्रीमियम प्रति एकड़ 247.36 रूपये की धनराशि पर 16490.95 रूपये की धनराशि का बीमा, सरसों का प्रीमियम 233.71 रूपये की धनराशि पर 15580.41 रूपये की धनराशि का बीमा,चना की फसल पर 179.68 रूपये की धनराशि के प्रीमियम पर 11978.71 रूपये की धनराशि का बीमा और सूरजमुखी के 239.78 रूपये की धनराशि प्रति एकड़ के प्रीमियम पर 15985.10 रूपये की धनराशि का बीमा किया जाता है। इससे कम दर पर बिकने की स्थिति में भाव के अंतर की भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी। उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया कि किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदा से खराब हो जाने पर 72 घण्टे के अन्दर कृषि विभाग,बागवानी विभाग में जानकारी लिखित में देनी होती है। इसके अलावा उपमंडल अधिकारी (नागरिक) ,तहसीलदार और उप। कृषि निदेशक तथा जिला बागवानी अधिकारी की तीन सदस्यीय कमेटी में भी लिखित में किसान फसल/सब्जियों/बाग की प्राकृतिक आपदा से खराब हो जाने पर जानकारी देनी होती है।
सरकार द्वारा पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर निर्धारित की गई है ।उपायुक्त ने बताया कि इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो अपनी फसल का पंजीकरण करवाएंगे। उन्होंने बताया कि आलू, फूलगोभी, गाजर, मटर व किन्नू की फसल के लिए पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर निर्धारित है। इसके अलावा टमाटर व प्याज के लिए 15 दिसंबर से 15 फरवरी, शिमला मिर्च व बैंगन के लिए 10 फरवरी से 15 मार्च तथा अमरूद के लिए 15 अप्रैल से 15 मई के बीच पंजीकरण करवाया जा सकता है। बाक्स-यहां करवा सकते हैं पंजीकरण :उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया कि योजना के तहत पंजीकरण करवाने के लिए फसल एचआरवाई डॉट इन पर लिंक उपलब्ध है। पंजीकरण केवल निर्धारित अवधि के दौरान ही खुला रहेगा । सर्व सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इंटरनेट क्यिोस्क पर पंजीकरण सुविधा उपलब्ध हैै। उन्होंने बताया कि भावांतर भरपाई योजना बागवानी किसानों के लिए सब्जियों व फलों के उचित दाम दिलवाना सुनिश्चित करती है तथा यह योजना किसानों को फसल विविधिकरण की ओर प्रोत्साहित करने में एक सहायक कदम है। उपायुक्त ने किसानों से आह्वान करते हुए बताया कि किसान इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिला उद्यान अधिकारी, मार्केटिंग बोर्ड के जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। किसान टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2060 तथा 1800-180-2117 पर फोन करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करके इसके तहत अपनी फसल का पंजीकरण करवाएं और इस योजना का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।पंजीकरण के लिए बागवानी विभाग ने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों की फसलों का पंजीकरण करने के लिए विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है। सब्जी उगाने वाले प्रत्येक गांव में कर्मचारी लगाए गए हैं। ये कर्मचारी 31दिसम्बर को सुबह 9 से सायं 5 बजे तक इन गांवों में रहकर पंजीकरण कार्य पूरा करवाएंगे। पंजीकरण कार्य शनिवार-रविवार को अवकाश के दिनों में भी किया जाएगा।