अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए जिला फरीदाबाद में धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली की ओर से भी फसल अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हुए हैं। निर्देशों की अवहेलना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ बीएनएस की धारा 223 संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण 1981 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त विक्रम सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि वे धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली न जलाएं, बल्कि फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अतिरिक्त कमाई करें। उन्होंने कहा कि कई किसान धान की कटाई के बाद बचे अवशेषो को जला देते है, जिससे उत्पन्न धुआँ आसमान मे चारो तरफ फैल जाता है, जोकि आसमान के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। आगजनी की घटनाओं से सम्पति तथा मानव जीवन की हानि की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। फसल की कटाई के बाद बचे अवशेष को जलाने से जिले में पशुओं के चारे की कमी होने की सम्भावना बनी रहती है। फसल की कटाई के बाद बचे अवशेष को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते है जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पडता है। किसानों को फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करने के लिए कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कृषकों को पराली का उचित प्रबंधन करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान फसल अवशेष व पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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