अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय कुंदनलाल भाटिया एवं श्रीमति कांता भाटिया की पुण्यतिथि पर आज हजारों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्वर्गीय कुंदनलाल भाटिया के पुत्र एवं पूर्व विधायक चंदर भाटिया के 1 डी.-63 एनआईटी फरीदाबाद स्थित निवास पर आयोजित पुण्यतिथि पर फरीदाबाद व पलवल जिले से आए लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले प्रात: कीर्तन में लोगों ने भाग लिया और बाद में प्रसाद के रूप में हजारों लोगों ने लंगर ग्रहण किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवक संघ, कांग्रेस, भाजपा, इनेलो ,आम आदमी पार्टी, उद्योग जगत, व्यापार जगत व समाजसेवी संस्थाओं के गणमान्य प्रतिनिधि भी काफी संख्या में मौजूद थे। इसके साथ -साथ आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता, पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक भी श्रद्धांजलि सभा में पुष्प अर्पित करने पहुंचे।
पुण्यतिथि के अवसर पर कुुंदनलाल भाटिया के पुत्रों व्यापार मंडल एवं माता वैष्णोदेवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया, किशन भाटिया, गोविंद भाटिया, पूर्व विधायक चंदर भाटिया एवं सिद्धपीठ हनुमान मंदिर एवं ऑल इंडिया बन्नू बिरादरी के प्रधान राजेश भाटिया सहित भाटिया परिवार ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय कुंदन लाल भाटिया वर्ष 1987 से वर्ष 1990 तक भाजपा के विधायक थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से गहरा नाता रखने वाले स्वर्गीय भाटिया को आम आदमी का हमदर्द माना जाता था। वर्ष 1990 में चंडीगढ से आते वक्त करनाल के पास एक सडक़ हादसे में उनका निधन हो गया था। स्व: भाटिया ने अपने जीवन काल में हमेशा गरीब, मजदूर व आम आदमी को हक दिलाने के लिए संघर्ष किया । यही वजह थी कि इतने वर्षों बाद भी उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों लोग उमड़ पड़ते हैं।
संघ व भाजपा के वरिष्ठतम नेता रहे स्व: भाटिया ने कभी भी सत्ता का मोह नहीं पाला और चौबीस घंटे लोगों के लिए उपलब्ध रहे। यहीं नहीं बल्कि स्वर्गीय भाटिया ने अपने पूरे परिवार को यही संस्कार भी दिए। इसी का प्रत्यक्ष उदाहरण उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय श्रीमति कांता भाटिया एवं उनका परिवार है। श्रीमति भाटिया जब तक जीवित रहीं,उन्होंने भी अपने पति के अनुरूप गरीब, मजलूम व आम आदमी को न्याय दिलवाया। जीवित रहते समय श्रीमति कांता भाटिया हर दिन लोगों की समस्याएं सुनतीं थी और उनका समाधान करवाने का भरसक प्रयास भी करती थीं। जो भी अपनी समस्या लेकर उनके पास पहुंचा, उसे निराश नहीं लौटना पड़ता था। स्वर्गीय कुंदनलाल भाटिया के बाद उनके पुत्र चंदर भाटिया ने अपने पिता की राजनैतिक बागडौर सँभाली। चंदर भाटिया भी भाजपा से जुड़े रहे और दो बार एनआईटी से विधायक बनें। चंदर भाटिया को भी गरीब व आम आदमी का ही नेता माना जाता है। जो