अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: कोतवाली थाना की पुलिस ने एक फाइनेंस कंपनी को फर्जी कागजात के जरिए 38 लाख रुपए लोन लेकर चूना लगाने वाले दो आरोपितों को अरेस्ट किया है। ये दोनों आरोपित अर्थमूवर मशीनों को खरीदने के नाम लोन लिए थे। और इन लोगों ने लोन की एक भी किश्त नहीं भरे। इनके खिलाफ वर्ष 2020 में एक केस दर्ज किया गया था। अब उसी केस में इन दोनों आरोपितों को अरेस्ट किया गया हैं । पुलिस की मानें तो दोनों आरोपितों को आज अदालत के सम्मुख पेश किया गया जहां से अदालत ने दोनों आरोपितों को नीमका जेल भेज दिया।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया किअरेस्ट किए गए आरोपित का नाम समीर उर्फ रशीद और मुदस्सीर अहमद है। आरोपी रशीद अलवर तथा मुदस्सिर जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। आरोपित रशीद तथा पांच अन्य आरोपितों के खिलाफ वर्ष 2020 में धोखाधड़ी की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें मुख्य आरोपित रशीद तथा उसके जीजा इकबाल ने फर्जी कागजात के आधार पर फरीदाबाद में स्थित मैग्मा फिनकॉर्प लिमिटेड कंपनी से जेसीबी खरीदने के लिए 19-19 लाख रुपए के दो लोन करवाए थे। इस लोन में कंपनी के दो अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायत भी दी गई थी जिसकी अभी जांच की जा रही है।
आरोपितों ने लोन लेने के पश्चात एक भी किश्त नहीं भरी और लोन पर प्राप्त दोनों जेसीबी मशीनों को जम्मू कश्मीर एक व्यक्ति को बेच दिया। पुलिस जांच में पाया गया कि आरोपितों द्वारा लोन के लिए जमा कराए गए कागजात फर्जी हैं। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पिछले महीने आरोपित इकबाल को अरेस्ट कर लिया। इसके पश्चात आरोपित रशीद को गत 17 सितंबर को अरेस्ट करके 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित ने अपने साथी मुदस्सिर के बारे में पुलिस को सूचना दी जिसे पुलिस ने गत 20 सितंबर को अरेस्ट करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह मेवात के रहने वाले हैं और उन्होंने फरीदाबाद का एक फर्जी पता तैयार करके उसके आधार पर लोन करवा लिया। आरोपितों ने बताया कि जो पैसे उन्होंने जेसीबी मशीन बेच कर मिले थे वह उन्होंने खर्च कर दिए। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है वहीं इस मामले में शामिल अन्य आरोपितों की जांच की जा रही है जिनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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