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फरीदाबाद

फरीदाबाद: केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज युद्ध वीरागंनओ और शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद, बल्लभगढ़: भारत सरकार के भारी उद्योग एवं उर्जा विभाग के केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज बल्लभगढ़ के दहशरा ग्राउंड में 76 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर ध्वजारोहण करके परेड की सलामी ली। इसके बाद पुलिस पुरूष व महिला वर्ग, होमगार्ड, एनसीसी, भारत स्काउट्स एंड गाइड तथा प्रजातंत्र के प्रहरियों ने मार्च पास्ट किया। विभिन्न  स्कूलों के बच्चों ने बेहतर योगा और राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी।भारत सरकार के भारी उद्योग एवं ऊर्जा विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने अपने सम्बोधन में उपस्थित लोगों को कहा कि यह दिन हर भारतवासी के लिए हर्षोल्लास का दिन है। आज हर गली, हर मोहल्ले में तिरंगा है, हर घर हर दफ्तर में तिरंगा है, हर वाहन, हर हाथ में तिरंगा है।

पूरा देश तिरंगे के रंगों में रंगा है, देश भक्ति के रंग में रंगा है। रंगा भी क्यों न हो आज हमने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं।उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि 1857 की क्रांति सबसे पहले अम्बाला छावनी से शुरू हुई थी। यहां से उठी चिंगारी ने न केवल प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का रूप धारण कर ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत किया, बल्कि आगे चलकर ऐसा जन-आंदोलन खड़ा कर दिया, जिसके बलबूते पर हम सन 1947 में अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने में सफल रहे।केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि जो कौमें अपने सेनानियों, अपने शहीदों को याद नहीं रखतीं, उनका अस्तित्व मिट जाया करता है। इसी उद्देश्य से सन 1857 की क्रांति के शहीदों की स्मृतियों को सहेजने के लिए अम्बाला छावनी में शहीदी स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। इसका कार्य लगभग पूरा होने वाला है। हरियाणा की माटी के लाल राव तुलाराम ने जिला महेंद्रगढ़ के नसीबपुर में अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया था। उनकी याद में वहां जल्द ही एक स्मारक बनाया जाएगा। इसी तरह, रोहणात गांव के शहीदों की याद को ताजा रखने के साथ-साथ इसे आदर्श गांव बनाने के उद्देश्य से हमने ‘रोहणात फ्रीडम ट्रस्ट’ की स्थापना की है।

कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि बड़े ही गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के  आह्वान पर आज पूरा देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। नवम पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर पानीपत में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे  जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस 26 दिसम्बर को हर वर्ष ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।अमर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की पहल भी की है।

गौरव का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 से 15अगस्त तक देशभर में ‘हर घर में तिरंगा’ की अनूठी मुहिम चलाई है। हरियाणा वासियों ने भी उसी जोश और जज्बे के साथ अपने 60 लाख घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया है, जिस जोश व जज्बे के साथ हम अपने जवानों को सरहद पर भेजते आए हैं।हरियाणा प्रदेश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए अब तक 10 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और हम यह महोत्सव मनाने में देश में पहले स्थान पर हैं ।हरियाणा के मामले में बिल्कुल ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा सटीक बैठता है।

हमारे किसान ने अपने पसीने से देश के अन्न भंडार भरने का काम किया है तो हमारे जवान सेना में भर्ती होकर देश के लिए मर-मिटना अपनी शान समझते हैं। पहले या दूसरे विश्वयुद्ध की बात हो, 1965 या 1971 का भारत-पाक युद्ध हो, 1962 में चीन के साथ हुए रेजांगला युद्ध की दास्तां हो या फिर कारगिल के ‘ऑपरेशन विजय’ का विषय, हरियाणा के जवानों ने सदैव अपने खून से इतिहास लिखा है। आज भी हमारी सेना में हर दसवां जवान हरियाणा से है।हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते. लेकिन उनके परिजनों की देखभाल करके उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। भूतपूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के कल्याण के लिए प्रदेश में सैनिक व अर्ध-सैनिक कल्याण विभाग’ का गठन किया है। युद्ध के दौरान शहीद हुए सेना के जवानों व अर्धसैनिक बलों के जवानों की अनुग्रह राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गई है। आई.ई. डी. ब्लास्ट के दौरान शहीद होने पर भी अनुग्रह राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक की गई है।

सरकार के कार्यकाल में अब तक शहीद सैन्य व अर्धसैनिक बलों के 347 आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी गई है। केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का यह पावन पर्व अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ आत्म-विश्लेषण करने का भी दिन है। यह दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि 75 वर्ष के इस कालखंड में हमने क्या हासिल किया है। निःसंदेह आजादी के बाद राष्ट्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है। हरित क्रांति ने हमें न केवल खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाया बल्कि उस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया कि आज हम दूसरे देशों को भी निर्यात कर रहे हैं।आजादी के समय जिस देश में सुई तक नहीं बनती थी, वह आज अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी के बल पर मिसाइलें बना रहा है। इससे भी आगे बढ़कर चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशन चला रहा है। आज देश में रेल और सड़क यातायात का एक मजबूत नेटवर्क मौजूद है। आज कई क्षेत्रों में पूरा विश्व हमारा लोहा मानता है। सुशासन से सेवा के संकल्प के साथ जनसेवा का दायित्व संभालने वाली वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  के ‘सबका साथ-सबका विकास’ और ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक के मूलमंत्र पर चलते हुए सबकी तरक्की और उत्थान के लिए काम किया है।

महामना पंडित दीनदयाल उपाध्याय मानते थे कि तरक्की लाभ समाज में आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक चाहिए। यही अन्त्योदय है उनके इसी दर्शन के अनुरूप सरकार ने ई-गवर्नेस के जरिए व्यवस्था परिवर्तन कर सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जो मुहिम शुरू की थी, वह परिवार पहचान-पत्र तक पहुंच चुकी है। इसके तहत सभी परिवारों के परिवार पहचान-पत्र बनाए जा रहे हैं। इस एकमात्र दस्तावेज से सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ अब पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही मिलने लगा है। परिवार पहचान-पत्र के पोर्टल से सभी योजनाओं व सेवाओं को साथ जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष अधिकांश सरकारी सेवाएं इस पोर्टल के जरिये ऑनलाइन मिलनी शुरू हो जाएंगी। इस पर जन्म-मृत्यु का डेटा भी ऑटो अपडेट होगा। युवाओं की शिक्षा, कौशल व बेरोजगारी का डेटा भी इस पोर्टल पर डाला गया है। पीले राशन कार्ड बनाने का काम भी परिवार पहचान पत्र के माध्यम से किया जा रहा है। शुरुआत में जिला सिरसा व कुरुक्षेत्र में यह योजना पायलट आधार पर शुरू की गई है। यदि कोई व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन के लिए निर्धारित आयु पूरीकर लेता है तो अब उसे अपनी पेंशन बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते परिवार पहचान पत्र के माध्यम से उसकी पेंशन अपने आप शुरू हो जाती है।सरकार ने सबसे गरीब लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये की जा रही है।

अब तक 30 हजार परिवारों को रोजगार के लिए ऋण व अन्य सहायता दी है।गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ के तहत 6 हजार रुपये वार्षिक सहायता दी जा रही है। प्रदेश में सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1 अप्रैल 2021 से बढ़ाकर 2500 रुपये मासिक की गई हैं। ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 27लाख गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का वार्षिक मुफ्त इलाज करवाने की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा किवर्तमान सरकार ने प्रदेश के हर क्षेत्र का समान विकास किया है। इस दिशा में पूरे प्रदेश में बड़ी-बड़ी परियोजनाएं स्थापित की हैं। प्रदेश में 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये गये हैं। इनमें से 6 का कार्य पूरा हो चुका है इन सभी राजमार्गों के बन जाने के बाद प्रदेश के हर जिले से कम से कम एक राष्ट्रीय राजमार्गगुजरेगा। सामान की ढुलाई के लिए अलग से बनाई जा रही रेलवे की दो बड़ी लाइनें भी हरियाणा प्रदेश से गुजरेंगी। वेस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर का 177 किलोमीटर और ईस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर का 72 किलोमीटर स्ट्रेच हरियाणा में पड़ेगा।के.एम.पी. और कुण्डली गाजियाबाद पलवल एक्सप्रेस-वे पर यातायात शुरू होने से दिल्ली में यातायात का दबाव कम हुआ है और हरियाणा की कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई है।केन्द्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि खरखौदा के निकट लगभग 3300 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक औद्योगिक एवं वाणिज्यिक टाउनशिप तथा सोहना में 1400 एकड़ मेंआई.एम.टी. विकसित किया जा रहा है। लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से सराय काले खां पानीपत के बीच Regional Rapid Transit System की परियोजना शुरू की गई है। पलवल से सोनीपत वाया सोहना-मानेसर- खरखौदा- कुंडली तक 6 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर कार्य शुरू हो चुका है। हिसार में प्रदेश का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। सोनीपत केबड़ी में 161 एकड़ भूमि पर रेल कोच रिपेयर फैक्ट्री लगाई जा रही है।बाढ़सा के एम्स परिसर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान किया गया है। जिला रेवाड़ी में भी एम्स के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में टर्सरी कैंसर सेंटर (टी.सी.सी.सी.) की स्थापना की गई है।प्रदेश में समान विकास की दृष्टि से सरकार का लक्ष्य हर जिला में मेडिकल कॉलेज व 200 बैड का अस्पताल खोलना है। कलस्टर अप्रोच के तहत सभी क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में स्कूल और 20 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज खोला गया है।हर क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ब्लॉक स्तर पर लघु व मध्यम उद्योगों के “क्लस्टर” स्थापित किए जा रहे हैं। हर ब्लाक में एक उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार ने अपनी भावी पीढ़ी को कौशल व संस्कार युक्त रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की है। इसे 2025 तक ही पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा गया है। प्रदेश में के.जी. से लेकर पी.जी. तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 10वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को 5 लाख टेबलेट दिए जा रहे हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 87 हजार युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी गई हैं। आउटसोर्सिंगसे जुड़ी सेवाओं में ठेका प्रथा बंद करने के लिए ‘हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया गया है।युवाओं को नौकरी के लिए बार-बार आवेदन करने व फीस भरने से छुटकारा दिलाने के लिए एकल पंजीकरण की सुविधा शुरू की है। बार-बार प्रतियोगी परीक्षा से निजात दिलाने के लिए ‘कॉमन पात्रता परीक्षा का प्रावधान किया गया है। कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में ‘अग्निपथ’ योजना शुरू की है। इसका सबसे अधिक लाभ हरियाणा के युवाओं को ही मिलेगा क्योंकि सेना में हमारे युवा ज्यादा भर्ती होते हैं। हरियाणा में उन्हें पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उनके लिए नौकरियों के अवसर खोले जा रहे हैं।खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने ओलिंपिक व अन्य अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। प्रदेश में गत जून माह में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 का सफल आयोजन किया गया। हमारे खिलाड़ियों ने इन खेलों में 137 पदक जीतकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को मिले 61 पदकों में से 20 पदक हमारे खिलाड़ियों ने जीते हैं। इनमें 17 पदक व्यक्तिगत स्पर्धा के और 3 टीम स्पर्धा के शामिल हैं।हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक विजेता खिलाड़ियों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है। वर्तमान सरकार ने खिलाड़ियों को 335 करोड़ रुपये से अधिक के नकद पुरस्कार दिए हैं। उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने हेतु खेल विभाग में 550 नए पद सृजित किए गए हैं। इससे खिलाड़ियों को अब अपने कैरियर की चिंता नहीं रहेगी।सरकार महिलाओं को सुरक्षित परिवेश मुहैया करवाने के साथ-साथ उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से भी सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है। महिला सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस में उनकी संख्या 15 प्रतिशत की जा रही है। महिलाओं को रोजगार देने के लिए 51 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है।किसान समृद्ध होगा, तभी प्रदेश में समृद्धि व खुशहाली आएगी। इसलिए कृषि सुधार और किसानों के उत्थान के लिए कई अहम निर्णय लिए गए हैं। ‘एम.एस.पी’ पर फसल खरीद की बात हो या प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान की भरपाई का विषय, स ‘बीज से बाजार तक’ हर कदम पर किसान के साथ खड़ी है।एम.एस.पी. पर 14 फसलों की खरीद करने वाला हरियाणा का एकमात्र राज्य है। सरकार ने प्राकृतिक आपदा से खराब फसलों के लिए मुआवजा राशि 12 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपये प्रति एकड़ की है।आज फसल विविधीकरण समय की मांग है। बागवानी इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने बागवानी फसलों को मौसम की मार से बचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है। प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ‘पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है। हमारी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उद्योगों का बड़ा योगदान है। रोजगार सृजन में भी उनकी अहम भूमिका होती है। इसलिए सरकार ने हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 लागू की है। इस नीति का लक्ष्य 5 लाख नई नौकरियों का सृजन करना, एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जुटाना और निर्यात को दोगुना करना है। उद्योगों की कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस’ को कम करने हेतु औद्योगिक प्लॉटों के लिए विशेष लीजिंग पॉलिसी बनाई गई है। प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर लघु व मध्यम उद्योगों के ‘क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं। सरकार की उद्योग हितैषी फलस्वरूप स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम में नीतियों के हरियाणा अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। प्रदेश के गांवों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल पहुंचाने वाला हरियाणा देश का पहला बड़ा राज्य है। गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त’ करने की हमारी योजना को केन्द्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया है।ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ग्राम दर्शन पोर्टल’ शुरू किया गया है। यह पोर्टल गांवों का साइबर फेस है। इस पर 6197 ग्राम पंचायतों का डिजिटल डाटा उपलब्ध है।पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं जिला परिषदों को हस्तांतरित की गई हैं। जिला परिषद के अध्यक्ष को डीआरडीए का चेयरमैन बनाया है।सरकार ने नगर निकायों को शक्तियों के विकेन्द्रीकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। शहरी निकायों को मजबूत करने के लिए हमने मेयर का प्रत्यक्ष चुनाव करवाया है। पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए संपत्ति के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क का दो प्रतिशत राजस्व इन्हें प्रदान किया गया है। शहरों में आधारभूत संरचना सुदृढ़ बनाने की दिशा में करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। प्रदेश में पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है। ‘म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत यानि लगभग 5600 गांवों को 24 घण्टे बिजली दी जा रही है।हरियाणा में सबको सस्ती सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। प्रदेश में 231 प्रकार के ऑपरेशन, 69 प्रकार के टैस्ट और 23 प्रकार की दंत चिकित्सा मुफ्त की जाती हैं। साथ ही 460 दवाइयां भी मुफ्त दी जाती हैं। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है। इसके लिए प्रदेश में ‘आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर’ स्थापित किये जा रहे हैं।कहने का अभिप्राय है कि वर्तमान सरकार ने पिछले पौने आठ वर्षों में जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई भतीजावाद से ऊपर उठकर काम किया है। आइए स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के इस पावन अवसर पर हम देश और प्रदेश को सशक्त, स्वच्छ, स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लें।

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