अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:कोर्ट के आदेशों की अवेहलना कर अपनी मानमानी करने वाले निजी स्कूलों का शिकार हो रहे हैं अभिभावक, जी हां एक बार फिर एक्ट 134 ए का लाभ उठाने की कोशिश में लगे गरीब व मिडिल क्लास के लोग निजी स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं अतिंम तारीख के दिन भी सैंकडों अभिभावक और बच्चे शिक्षा अधिकारी द्वारा दी गई लिस्ट को लेकर वापिस शिक्षा विभाग के कार्यालय में पहुंचे जहां उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं मिला।
परीक्षा पास करने वाले छात्रों को विभाग द्वारा स्कूलों में एडमिशन के लिए भेजा गया जहां से उन्हें फटकार कर भगा दिया गया।
हाथों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी गई एडमिशन के लिए बच्चों की लिस्ट को लेकर शिक्षा विभाग के दफ्तर में खडे हुए दिखाई दे रहे ये वो ही गरीब और मिडिल क्लास के अभिभावक है जो एक्ट 134 ए के तहत अपने बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में करवाना चाहते हैं मगर कोर्ट के सख्त आदेशों के बाद भी इन्हें निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग के चक्कर काटने पड रहे हैं। अभिभावकों ने जानकारी दी है कि 25 अप्रैल को अंतिम तिथि है और उनके बच्चों के एडमिशन अभी तक नहीं हुए है। बच्चों ने शिक्षा विभाग द्वारा रखी गई लिखित परीक्षाओं को पास किया है जिसके बाद शिक्षा विभाग ने एडमिशन लेने वाले स्कूल और बच्चों के नाम की लिस्ट जारी कर दी, जिसपर शिक्षा विभाग ने अपनी मोहर लगा लगा कर भी दी, जब वह लिस्ट लेकर निजी स्कूल पहुंचे तो वहां उन्हें साफ – साफ एडमिशन लेने से मना कर दिया गया। इतना ही नहीं अभिभावकों को बेईज्जत करके बाहर निकाला गया। वापिस शिक्षा विभाग पहुंचे तो वहां उन्हें कोई भी जवाव देने वाला नहीं मिला।
अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि निजी स्कूलों और शिक्षा विभाग की मिलीभगत के चलते सरकार की लाभकारी योजना का लाभ उनके बच्चों के नहीं मिल पा रहा है उनकी मांग है ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए । वहीं, शिक्षा विभाग का लिस्ट जारी करने के बाद एक नया कारनामा भी नजर आया जिसमें एक बच्चे को 9 वीं कक्षा में एडमिशन के लिए ऐसे स्कूल में भेज दिया गया जिसमें 9वीं कक्षा ही नहीं लगती है जहां से स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को वापिस भेज दिया। वहीं, केन्द्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर की अनुपस्थिति में उनके पीए कौशल बाटला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बच्चों के परिजन उनके पास आए जिन्होंने शहर के कुछ स्कूलों की मनमानी की शिकायत उन्हें दी है जिसमें डीपीएस, होली चाईल्ड, डीएवी सहित और भी स्कूल शामिल है जिनके खिलाफ सख्त कार्यवाही के लिए विभाग को बोल दिया गया है और वहीं बच्चों को और स्कूलों में एडमिशन करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उधर , शिक्षा विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो कार्यालय में कोई भी नहीं मिला।
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