अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : साइबर सेल व क्राइम ब्रांच सेक्टर -65 की संयुक्त टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया हैं जो आम लोगों के खातों से यूपीआई ऐप के जरिए लाखों रुपए निकाल लेते थे, इस गिरोह के 4 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं, ये लोग अपने आपको मोबाइल कंपनी के कर्मचारी बताकर फोन पर बात किया करते थे,मोबाइल सीम को 4 जी में अपग्रेड करने के नाम पर निशाना बनाते थे। यह खुलासा आज डीसीपी क्राइम लोकेंद्र सिंह ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया।
डीसीपी क्राइम लोकेंद्र सिंह कहना हैं कि क्राइम ब्रांच साइबर सेल और क्राइम ब्रांच सेक्टर -65 की संयुक्त टीम ने अंशु कुमार दास, इरफ़ान , मुजाहिद , निवासी भरचंडी ,जामताड़ा,झाड़खंड व याकूब अंसारी निवासी घोषवाद ,जामताड़ा ,झाड़खंड को मुंबई व झाड़खंड से गिरफ्तार किए गए है। उनका कहना हैं कि इन लोगों को सूरजकुंड थाने में दर्ज मुकदमा न. 510, जिसमें भारतीय दंड सहिंता की धारा 419, 420, 34 व 66 डी आईटी एक्ट को दर्शाया गया हैं के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। उनका कहना हैं कि शिकायतकर्ता पूनम रानी निवासी दयालबाग, सूरजकुंड ने 24 जुलाई 2018 को पुलिस को बताया कि उनके पास बैंक मैनेजर यूनियन बैंक चेंबूर ,मुंबई से फोन आया कि उनके बैंक ऑफ़ महाराष्ट से यूपीआई के जरिए ट्रांजक्शन हुई हैं। इसके बाद वह अपने बैंक के खाते से 8 लाख 50000 रूपए अज्ञात शख्स ने यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए निकाल लिए हैं। उनका कहना हैं कि इस मामले में 28 जुलाई को सूरजकुंड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था,इस केस को गंभीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच साइबर सेल व सेक्टर -65 क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम को सौप दी गई थी,जांच के दौरान मालूम पड़ा कि शिकायतकर्ता के मोबाइल सीम को डीएक्टिवेट कर के किसी ने दूसरी सीम एक्टिवेट करा ली हैं और उसकी कॉल शिकायतकर्ता की दूसरी सिम पर फॉरवर्ड कर दी हैं,
जिसके कारण शिकायतकर्ता को पता नहीं चल सका की उसकी सीम किसी और ने एक्टिवेट करा ली हैं,ताकि शिकायतकर्ता को शक न हो। शिकायतकर्ता से संबंधित केस में जांच में शामिल कर पूछताछ पर पता लगा कि कुछ समय पहले शिकायतकर्ता के मोबाइल पर Idea कंपनी की तरफ से उस की सिम को 3 जी से 4 जी में अपडेट करने के लिए उसके मोबाइल पर एक नंबर से कॉल आई थी और उसने शिकायतकर्ता से 123 पर एसएमएस करने के लिए कहा था।आरोपी उपभोक्ता द्वारा उपलब्ध कराए गए एसएमएस के आधार पर उनकी एसएमएस को डीएक्टिवेट करवा कर, अपनी ब्लेंक सिम पर वह मोबाइल नंबर एक्टिवेट कर लेते थे। आरोपी मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी के आधार पर यूपीआई ऐप के जरिए धोखाधड़ी से लोगों के पैसे अपने फर्जी अकाउंट व आरोपियों द्वारा अन्य गरीब लोगों के खुलवाएं हुए अकाउंट मे ट्रांसफर करा लेते थे। अन्य गरीब लोगों के अकाउंट डिटेल और उनके ATM भी आरोपी अपने पास रखते थे। पकड़े गए आरोपियों से Axis Bank की पीओएस मशीन,पासबुक व विभिन्न बैंकों की ATM कार्ड बरामद किए गए