अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम से सीएम विंडो में ग्रीन फील्ड कालोनी के बिल्डरों के द्वारा जरुरत से कहीं जाएदा निर्माण करने तथा सिंगल यूनिट का परमिशन लेकर ट्रिपल यूनिट बनाने वाले बिल्डरों के खिलाफ शिकायत की हैं। इस संबंध में डीटीपी इंफोर्स्मेंट नरेश कुमार का कहना हैं कि उन्हें सीएम विंडो के माध्यम से शिकायत मिली हैं जिसकी वह जांच कर रहे हैं। किए गए जांच में जो भी खामियां पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर,बिल्डरों का कहना हैं कि शिकायतकर्ता पानी सप्लाई का धंधा करता हैं, उसके गलत हरकत की वजह से उन लोगों ने उसे कार्य देना बंद कर दिया,जिससे बौखला कर उनके खिलाफ उस शख्स ने सीएम विंडो में शिकायत की हैं,साथ में सम्बंधित अधिकारीयों को भी गुमराह कर रहा हैं। उनका कहना हैं कि पहले तो वह सीएम विंडो में उनके खिलाफ शिकायत करता हैं फिर उनके व्हाटसप पर मेसेज भेजता हैं,इसका क्या मतलब हैं,तो मतलब साफ़ हैं,वह उनसे पैसा चाहता हैं,जब वे लोग गलत कार्य नहीं करते हैं,तो उससे डरे क्यों और पैसे भी क्यों दें।
शिकायतकर्ता मुकुल भड़ाना ने सीएम विंडो में दिए गए शिकायत में कहा हैं कि वह मकान नंबर -1044, ग्रीन फील्ड कालोनी में रहते हैं। उनका कहना हैं कि कई निर्माण ऐसे हैं जो ग्रीन फील्ड कलोनी में बिल्डरों के द्वारा नक़्शे से कहीं ज्यादा निर्माण अवैध रूप से किए जा रहे हैं,इसके अलावा प्लाट नंबर -2290 ब्लॉक में सिंगल यूनिट का संबंधित विभाग से परमिशन लेकर अवैध रूप से ट्रिपल यूनिट बनाए जा रहे हैं। इन बिल्डरों का सम्बन्धित विभाग के अधिकारीयों के अच्छे ख़ासा सांठ गांठ हैं। उसने यह भी बताया कि प्लाट नंबर -3615 में स्टिल पार्किंग में बिल्डरों ने अवैध रूप से दुकानें खोली हुई हैं। उपरोक्त सभी निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की हैं।
उधर,बिल्डरों का कहना हैं कि शिकायतकर्ता पानी सप्लाई का धंधा व खुदाई का कार्य करता हैं, उसके गलत हरकत की वजह से उन लोगों ने उसे कार्य देना बंद कर दिया,जिससे बौखला कर उनके खिलाफ उस शख्स ने सीएम विंडो में शिकायत की हैं, साथ में सम्बंधित अधिकारीयों को भी गुमराह कर रहा हैं। उनका कहना हैं कि पहले तो वह सीएम विंडो में उनके खिलाफ शिकायत करता हैं फिर उनके व्हाटसप पर मेसेज भेजता हैं,इसका क्या मतलब हैं,तो मतलब साफ़ हैं,वह उनसे पैसा चाहता हैं,जब वे लोग गलत कार्य नहीं करते हैं,तो उससे डरे क्यों और पैसे भी क्यों दें। वैसे भी उन्होनें कंप्लीशन सर्टिफिकेट अभी तक नहीं ली हैं ऐसे में वह लोग जरुरत से कहीं ज्यादा निर्माण कैसे कर सकते हैं, सम्बंधित अधिकारी चाहे तो वह मौके पर आकर जांच कर सकते हैं,जो शिकायत उसने की हैं वह बिल्कुल गलत हैं।