अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के कार्य कर्ताओं ने आज महामाया से चिल्ला बड़ों तक ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों के ट्रैक्टर मार्च को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हुए थे। सरकार के साथ किसानों की सात दौर की वार्ता बेनतीजा रही थी, इसलिए किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करते और आज राजधानी की सीमाओं पर ट्रैक्टर मार्च निकाल कर सड़क को घेरने की घोषणा की, जिसके तहत ये ट्रैक्टर मार्च निकाला गया।
नोएडा के महामाया पुल से ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे यह किसान इसे शक्ति प्रदर्शन बताने के साथ-साथ ट्रैक्टर मार्च को गणतंत्र दिवस के लिए ड्रेस रिहर्सल भी बता रहे हैं पिछले लगभग डेढ़ महीने से किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर अडिग हैं। वहीं सरकार भी कदम पीछे नहीं करना चाहती। ऐसे में विरोध में किसानों का हल्लाबोल जारी है। भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि ट्रैक्टर मार्च नोएडा ग्रेटर नोएडा 40 से 50 ट्रैक्टर शामिल हुए और वे महामाया पुल से चलकर चिल्ला बॉर्डर तक मार्च किया। नोएडा की एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि जब से किसान आंदोलन चल रहा है सुरक्षा और व्यवस्था हम लोगों ने बना रखी है। आज भी हम इस रैली के साथ खड़े हैं हम सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं, लेकिन जहां पर लोग अचानक सड़क पर आ जाते हैं और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं तो हम लोग उन्हें रोक समझाते कि वह वापस जाएं ऐसा न करने पर उन पर हम कार्रवाई भी कर रहे हैं हमारा काम आम सड़क पर चलने वाले लोगों को परेशानी ना हो इसका ध्यान रखने का है।
भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।