अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खाद की किल्लत, रिकॉर्ड बेरोजगारी और सीईटी एग्जाम के लिए दूर-दूर सेंटर देने को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। हुड्डा का कहना है कि आज आदमपुर समेत पूरे हरियाणा में किसान डीएपी खाद की किल्लत झेल रहे हैं। आदमपुर मंडी में जिस वक्त मुख्यमंत्री की चुनावी रैली चल रही थी, उसी वक्त उनसे 50 मीटर दूर किसान खाद की कतारों में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालात ऐसे हैं कि कई-कई दिनों कतारों में खड़े रहने के बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है।
इसी तरह किसानों को धान, बाजरा और कपास की पेमेंट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सरकार के लाख दावों के बावजूद वह वक्त पर किसानों को भुगतान करने में नाकाम है। पिछले 3 साल से हर सीजन में मौसम की मार से खराब होने वाली फसलों का मुआवजा भी किसानों को नहीं मिला है। बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि एक बार फिर सीएमआईई के आंकड़ों ने सरकार को आईना दिखाया है। सरकार की नीतियों के चलते 31.8% बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा पूरे देश में टॉप पर है। हर महीने जारी होने वाले बेरोजगारी के आंकड़ें हर बार यहीं कहानी बयां करते हैं। क्योंकि मौजूदा सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए लंबे वक्त से इंतजार कर रहे युवाओं को सरकार ने प्रताड़ित करने का काम किया है। टेस्ट के लिए युवाओं को 150-200 किलोमीटर दूर सेंटर दिए गए हैं। इसकी वजह से अभ्यार्थियों और खासकर महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार देखा गया है कि सरकार के ऐसे फैसले के चलते अभ्यार्थि जानलेवा हादसों के शिकार हुए हैं। लेकिन ऐसा लगता है मानो सरकार की संवेदनाएं खत्म हो चुकी हैं। इसलिए वो एक बार फिर युवाओं की जान जोखिम में डाल रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इसी बेरूखी और अनदेखी के चलते प्रदेश का हर वर्ग इस सरकार को बदलना चाहता है। बदलाव की यह शुरुआत आदमपुर से होगी। जनता वोट की चोट से बीजेपी सरकार को सबक सिखाएगी।
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