अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम:मेरी फसल मेरा ब्यौरा स्कीम के तहत ई-खरीद पोर्टल पर अपनी फसल का रजिस्टेªशन करवाने वाले किसान को 10 रूपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसकी न्यूनतम राशि 20 रूपए तथा अधिकतम 50 रूपए होगी और रजिस्टेªशन करने वाले अटल सेवा केंद्र संचालक को 5 रूपए प्रति एंट्री मिलेंगे। इस पोर्टल पर फसल का रजिस्टेªशन करवाने की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की गई है। राज्य सरकार किसानों के हितों को लेकर कितनी गंभीर है इसका पता इसी बात से चलता है कि प्रदेश की मुख्य सचिव श्रीमति केशनी आनंद अरोड़ा ने आज वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ बैठक करके ई-खरीद पोर्टल पर फसल का रजिस्टेªशन करवाने के कार्य के बारे में दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी उपायुक्तों को बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं प्रतिदिन इस पोर्टल पर रजिस्टेªशन कार्य की प्रगति के बारे में पूछते हैं।
बैठक में बताया गया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा स्कीम के तहत ई-खरीद पोर्टल पर फसल का रजिस्टेªशन करने के लिए जिला स्तर पर एनआईसी द्वारा सभी अटल सेवा केंद्र संचालकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और यह कार्य इस सप्ताह अंत तक पूरा किया जाएगा। श्रीमति अरोड़ा ने कहा कि अटल सेवा केंद्र पर जाकर किसान अपनी फसल का ब्यौरा दे और उसका रजिस्टेªशन करवाएं। इसके बाद इसकी वैरिफिकेशन पटवारी तथा कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी द्वारा की जाएगी। यही नहीं, हरसैक से भी सैटेलाईट इमेजरी लेकर डाटा का मिलान किया जाएगा। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधीन कार्यरत मार्केट कमेटी के सचिव भी इस डाटा को वैरिफाई करेंगे। मुख्य सचिव के साथ बैठक में उपस्थित मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमा शंकर ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा स्कीम कृषि भूमि के लिए एक प्रकार से वन स्टाॅप सैंटर का काम करेगी और जमीन संबंधी जितने भी कार्य होंगे वे इसी डाटा पर आधारित होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार चाहती है कि किसान अपनी जमीन और फसल की एंट्री ई-खरीद पोर्टल पर करना खुद सीखे। उन्होंने यह भी बताया कि पहले ई-खरीद पोर्टल पर रजिस्टेªशन फसलवार शुरू किया गया था, जिससे अब बदल दिया गया है। जिन्होंने पहले रजिस्टेªशन किया था, उन किसानों को भी अब पुनः रजिस्टेªशन करना जरूरी है।
उमाशंकर ने बताया कि इस पोर्टल में यह भी भरना होगा कि किसान अपनी जमीन पर खुद कास्तकार है या कोई अन्य कास्त कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जमीन और फसल का पोर्टल पर रजिस्टेªशन करना मालिकाना हक नही देता। उन्होंने बताया कि रजिस्टेªशन के समय बैंक का जो खाता नंबर पोर्टल पर भरा जाएगा, फसल की खरीद के समय पैसे उसी खाते में डाले जाएंगे।उमाशंकर ने कहा कि पोर्टल पर किस प्रकार रजिस्टेªशन किया जा सकता है, इसकी एक वीडियो क्लिप बनाकर मार्केटिंग बोर्ड द्वारा सभी संबंधित में शेयर की जाएगी। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक डा. जे गणेशन ने इस मौके पर बताया कि जो किसान आढ़ती के माध्यम से फसल खरीदते व बेचते हैं, वे फसल की बिक्री के समय अनाजमण्डी के गेट पर आने के बाद भी आढ़ती का नाम बदल सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि रजिस्टेªशन के समय जिस आढ़ती का नाम पोर्टल पर भरा गया, फसल उसी को बेचनी है। डा. गणेशन ने बताया कि रजिस्टेªशन कार्य में कठिनाई आने पर कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नंबर 1800-180-0023 पर फोन करके जानकारी हासिल कर सकता है।
कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल फरीदाबाद से इस बैठक में शामिल हुए, जिन्होंने बताया कि प्रदेश में सरसों उत्पादक ढाई लाख किसानों को रजिस्टेªशन प्रक्रिया का ज्ञान है क्योंकि उन्होंने पहले भी अपनी फसल का रजिस्टेªशन करवाया था। उन्होंने बताया कि सन् 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में लगभग 16 लाख किसान हैं। राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधु ने बैठक में बताया कि इस बार से जमीन की ई-गिरदावरी अनिवार्य होगी और इसके लिए पटवारियों को टेबलेट दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ई-गिरदावरी के अलावा दूसरी गिरदावरी नहीं होगी और ई-गिरदावरी का कार्य भी 5 अगस्त से शुरू करके 5 सितंबर तक खत्म करना है। उन्होंने कहा कि जिन पटवारियों को ई-गिरदावरी करनी नहीं आती उनके लिए 10 जुलाई से 22 जुलाई तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे।