अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गेहूं व सरसों की कम खरीद,उठान में देरी और मंडियों में फैली अव्यवस्था के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। हुड्डा ने कहा कि सरकार की लापरवाही के चलते मंडियों में लाखों मीट्रिक टन गेहूं बारिश में भीग गया। जबकि कांग्रेस और मौसम विभाग ने बार-बार बारिश की चेतावनी दी थी। कांग्रेस द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बावजूद सरकार ने न मंडियों से फसल के उठान की व्यवस्था की और ना ही फसल को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल व बैग्स का कोई प्रबंध किया।
प्रदेश की मंडियों में पड़ा 15 लाख मिट्रिक टन गेहूं पड़ा भीग रहा है और सरकार तमाशबीन बनी हुई है। उठान में देरी के चलते किसानों को अब तक भुगतान भी नहीं हुआ है। उनका हजारों करोड़ रूपया सरकार की तरफ बकाया है। अब तक सरकार ने पिछले दिनों हुई बारिश का मुआवजा भी नहीं दिया है। गेहूं की लगभग सारी फसल कट चुकी है और अब तक सरकार गिरदावरी का नाटक कर रही है। इतना ही नहीं सरकारी खरीद अपने टारगेट से बहुत पीछे चल रही है। सरकार ने समय से पहले ही सरसों की खरीद बंद करके उन्हें बड़े नुकसान की तरफ धकेल दिया है। क्योंकि, पूरे सीजन में सरकार सरसों की खरीद से कन्नी काटती रही। इसलिए किसानों को एमएसपी से लगभग 1000 रुपये कम रेट पर अपनी फसल निजी एजेंसियों को बेचनी पड़ी। अब खरीद को बंद करके सरकार ने एमएसपी मिलने की उम्मीद पर पूरी तरह पानी फेर दिया है। दूसरी तरफ किसानों ने एमएसपी पर खरीद के लिए धरना दिया हुआ है।भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से सरसों की खरीद जारी रखने की मांग की है। साथ ही उन्होंने मंडियों में व्यवस्था सुधारने, उठान, भुगतान और मुआवजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग दोहराई है।
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