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अपराध दिल्ली

ड्रग तस्करों की संपत्ति को जब्त करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा जारी पहले फ्रीजिंग आदेश की वित्त मंत्रालय द्वारा पुष्टि।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत सरकार नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को जोर-शोर से आगे बढ़ा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समय-समय पर ड्रग्स के खतरे को जड़ से खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया है और सभी ड्रग तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और हमारे देश से इस बुराई को जड़ से खत्म करने पर लगातार जोर दिया है। ड्रग्स के खिलाफ अभियान को उपराज्यपाल, दिल्ली विनय कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस द्वारा ईमानदारी से इस लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है। मादक पदार्थों का उपयोग मानवता के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है, जो व्यक्तियों, परिवारों और समाज के पर गहरा असर डालता है।

किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों की लत के परिणामस्वरूप गंभीर शारीरिक, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक परेशानी हो सकती हैं, जिसमें घातक परिणामों की संभावना होती है। दिल्ली पुलिस, मादक पदार्थों मुक्त भारत बनाने के  प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस उद्देश्य के लिए, दिल्ली में मादक पदार्थों की तस्करी में लगे अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा  गृह मंत्री द्वारा जारी निर्देशों का बारीकी से पालन किया जा रहा है।एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधान, मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में शामिल अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार प्रदान करते हैं। अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने के प्रावधान को मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ व्यापक और प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध, एस डी मिश्रा, डीसीपी/एएनटीएफ,मित गोयल और एसीपी/एएनटीएफ अनिल शर्मा, की देखरेख में ऐसे अपराधियों की पहचान की गई और उनकी निगरानी की गई।
ऑपरेशन:-
दिनांक 22.07.2022 को खुफिया इनपुट पर, एएनटीएफ की टीम ने अफगानिस्तान के काबुल निवासी नसीम बरकज़ाय के कब्जे से 3 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। एएनटीएफ ने हाजी नईमत उल्लाह (अफगान नागरिक) द्वारा संचालित इस अफगानिस्तान स्थित अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पता लगाया, जो अक्टूबर-नवंबर 2021 में भारत से भाग गया था। सूचना पर कार्रवाई करते हुए आरोपी परवेज आलम उर्फ़ जावेद उर्फ़  डॉक्टर पुत्र बशीर अहमद निवासी एच नंबर ई-99, गली नंबर 5, सुभाष विहार, भजनपुरा, नई दिल्ली के कब्जे से 7.4 किलोग्राम हेरोइन और ड्रग्स बेचकर कमाए गए 1.25 लाख रुपये बरामद किए गए। सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद प्रतिबंधित हेरोइन जब्त की गई। दोनों आरोपितों  नसीम बरकजाई और परवेज आलम उर्फ़ जावेद उर्फ़ डॉक्टर को एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस अभियान के दौरान, एफआईआर संख्या 151/22, धारा 21 एनडीपीएस अधिनियम, थाना अपराध शाखा, दिल्ली के तहत एक और मामला दर्ज किया गया था और अब तक कुल छह आरोपित व्यक्तियों परवेज आलम, नसीम बुर्काजी, शमी कुमार उर्फ़  शमी, रजत, पंकज उर्फ़ संजू बाबा और महेंद्र पाल उर्फ़एमपी को गिरफ्तार किया जा चुका है और भारी मात्रा में हेरोइन (21.4 किलोग्राम हेरोइन और 26.53 लाख रुपये) जब्त की गई है।  उनके पास से मोबाइल फोन, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड और संपत्ति के कागजात भी जब्त किए गए हैं। वे व्हाट्सएप और अन्य वीओआईपी के माध्यम से आपस में बात करते थे। आरोपितों  में से एक पंकज उर्फ़  संजू बाबा, वर्ष 2020 में जम्मू-कश्मीर में दर्ज यूएपीए के एक मामले में वांछित था। आगे की जांच करने पर यह पता चला कि आरोपित परवेज आलम को पहले भी 12.09.2014 को अपराध शाखा द्वारा लोनी गोलचक्कर, दिल्ली के पास से 1.3 किलोग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था।
धारा 68, एनपीडीएस अधिनियम 1985, के तहत वित्तीय जांच
उपरोक्त मामलों ने यह साबित होता है कि परवेज आलम एनडीपीएस अधिनियम, 1985 का आदतन अपराधी है और पिछले कई वर्षों से अफगानिस्तान स्थित मादक पदार्थ तस्कर गिरोह सदस्य है व मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल है। पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के तहत परवेज आलम उर्फ़ जावेद उर्फ़  डॉक्टर पुत्र बशीर अहमद को हिरासत में लेने का प्रस्ताव 28.02.2023 को संयुक्त सचिव, पीआईटीएनडीपीएस डिवीजन, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, नई दिल्ली को भेजा गया था। उसी के अनुसरण में दिनांक 31-05-2023 को फाइल संख्या यू-11011/20/2023-पीआईटीएनडीपीएस के तहत उसे हिरासत में लेने का आदेश जारी किया गया है और उसे यह आदेश दिनांक 02-06-2023 को दिया गया। परवेज आलम के खिलाफ निरीक्षक हरिवंश सिंह, सहायक उप-निरीक्षक सुधीर, सहायक उप-निरीक्षक राम किशन और प्रधान सिपाही अमित की टीम ने वित्तीय जांच की। उसकी संपत्ति की पहचान की गई, संबंधित विभागों से उसकी संपत्ति का स्वामित्व पता किया गया और उसकी तीन मंजिला इमारत जो ई-99, गली नंबर 5, सुभाष विहार, भजनपुरा, नई दिल्ली में स्थित है, को कब्जे में लिया गया, जिसे उसने 18,50,000 रुपये में खरीदा था। विभिन्न एजेंसियों जैसे वित्तीय जांच इकाई, एमसीडी, यमुना पावर लिमिटेड, जल बोर्ड, राजस्व और आयकर विभागों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह पता चला के उसकी आय का अन्य कोई साधन नहीं था व घर को मादक पदार्थों की तस्करी द्वारा कमाए गए पैसों से चलाया जा रहा थ| जांच में यह भी पता चला कि घर को हाल ही में पुनर्निर्मित किया गया है। इसलिए परवेज आलम उर्फ़ जावेद उर्फ़  डॉक्टर को संपत्ति संख्या ई -99, गली नंबर 5, सुभाष विहार, भजनपुरा, नई दिल्ली के लिए फ्रीजिंग आदेश दिया गया था। यह मामला, विदेशी मुद्रा मैनिपुलेटर्स (संपत्ति की जब्ती), अधिनियम 1976 और एनडीपीएस अधिनियम 1985 के तहत सक्षम प्राधिकारी, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के समक्ष रखा गया था। प्राधिकरण ने परवेज आलम के वकील को सुनने के बाद पाया कि संबंधित संपत्ति, आरोपी परवेज आलम द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई थी और अपने 7 जुलाई 2023 के आदेश के माध्यम से जब्ती आदेश की पुष्टि की गई। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम में मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए, मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करना इस लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। परवेज आलम की संपत्ति जब्त होने से अपराधियों के हतोत्साहित होने की उम्मीद है, क्योंकि संपत्ति जब्त होने के कारण भारी नुकसान होता है। भविष्य में इस तरह की और अधिक संपत्तियों को जब्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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