अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: जिला में फसल अवशेष तथा पराली जलाने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा द्वारा स्मॉग तथा पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित वीडियो कांफ्रेंस बैठक के बाद उपायुक्त अतुल कुमार ने जिला के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें पराली जलाने वालों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाने के आदेश दिए हैं।
उपायुक्त ने कृषि उप निदेशक, जिला राजस्व अधिकारी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी,नगर निगम के कार्यकारी अभियंता व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि के अधिकारीगण को सख्त आदेश दिए हैं कि ज़िला में किसी भी तरह की पराली ना जलाई जाए। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले दिनों में कही भी पराली जलाई जाती है तो उसके लिए संबंधित ग्राम सचिव व सरपंच को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम सचिव व कृषि विभाग के अधिकारी गण गांव-गांव जाकर किसानों को पराली ना के बारे में प्रेरित करें। साथ ही यदि कोई भी किसान किसी भी तरह की पराली जलाता हुआ पाया गया तो उसको कृषि विभाग की योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं से वंचित किया जाएगा।
यही नहीं, उसके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करवाई जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।उन्होंने कहा कि जिस गांव के खेत में आग पाई जाती है, उस गांव से संबंधित पटवारी इसकी पुष्टि करेगा जो कि एफआइआर के लिए अनिवार्य है। उपायुक्त ने यहां तक कहा है कि पराली जलाने के लिए एफआईआर ‘हर समय पोर्टल’ पर भी की जा सकती है। थाना प्रभारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि पराली जलाने के बारे में शिकायत मिलने पर वे तुरंत प्रभाव से एफआइआर दर्ज करें। उपायुक्त के इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 की विभिन्न धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।