अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कौशल विश्वविद्यालय में उद्योग जगत के सहयोग के अनूठे मॉडल का जश्न मनाते हुए डीएसईयू में पहले उद्योग दिवस का आयोजन किया गया। कौशल विश्व विद्यालय ने युवाओं को कौशल प्रदान करने और उच्च शिक्षा प्रणाली में उद्योग की जरूरतों को शामिल करने पर अत्यधिक जोर दिया है.इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए डीएसईयू ने पिछले 2 वर्षों में 70 से अधिक कंपनियों के साथ करार किया है। यह सुनिश्चित किया है कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक कार्यक्रम उद्योग से जुड़ा हुआ हो। साथ ही उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया हो। डीएसईयू द्वारा मनाया गया उद्योग दिवस, उद्योग एवं शिक्षा जगत के विशेषज्ञों को एक साथ लाने के लिए आयोजित किया गया पहला कार्यक्रम है।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में जेएलएल, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, बैंक ऑफ बड़ौदा, मैकमिलन, मेट्रोपोलिस आदि 80 से अधिक संगठनों के 100 से अधिक उद्योग जगत के सदस्यों ने भाग लिया। सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए डीएसईयू के प्रो वाइस चांसलर प्रो. रिहान खान सूरी ने कहा कि यह कहना उचित होगा कि यह दिन यहां मौजूद हमारे उद्योग भागीदारों के कारण ही संभव हो पाया है। हम बेहद आभारी हैं कि आपने हमारे दृष्टिकोण को मान्यता दी एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को कौशल सशक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अनिवार्य हिस्सा रहे हैं। जिसके तहत छात्रों को सिर्फ डिग्री ही नहीं बल्कि उन्हें नौकरी के लिए तैयार किया जाएगा। हमारे उद्योग भागीदार डीएसईयू को एक ऐसी शिक्षा प्रदान करने में सहयोग दे रहे हैं जिसमें एम्बेडेड अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप एवं छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुभवों के साथ तैयार किया जा रहा है। हमारे छात्र अनुभव प्राप्त करने के लिए अपनी डिग्री की प्रतिक्षा नहीं कर रहे है। उद्योगों के सहयोग के साथ वे पहले से ही वास्तविक कार्य सीख रहे हैं।
वाइस चांसलर प्रो निहारिका वोहरा ने कहा कि हम सभी इस बात पर गौर करें की उच्च शिक्षा को विश्वविद्यालय, उद्योग एवं समुदाय का एक सहयोगी प्रयोग बनाने की स्पष्ट आवश्यकता है। यदि हम विश्वविद्यालय में सिर्फ किताबों के साथ पढ़ाते रहें एवं अपने छात्रों को वास्तविक दुनिया के लिए तैयार न करें। ऐसे में उद्योग प्रतिभा एवं प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी के बारे में शिकायत करता रहता है। अकादमिक एवं उद्योग दोनों को जिम्मेदारी स्वीकार करने और यह देखने की जरूरत है कि हम एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करें कि छात्रों को वह पढ़ाया जा रहा है जो 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक है। मैं छात्रों को उद्योग जगत के लोगों के साथ जोड़ने एवं उनकी जरूरतों के अनुसार सीखने का अवसर प्रदान करने से बेहतर तरीके के बारे में नहीं सोच सकती। उन्होंने कहा कि सभी कार्यक्रमों में उद्योग के सहयोग के साथ, हमारे छात्र समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जैसा कि नई शिक्षा नीति में भी जोर दिया गया है। मैं अपने सभी 80 से अधिक उद्योग भागीदारों का आभार व्यक्त करना चाहती हूँ जो युवाओं को प्रासंगिक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करने के दृष्टिकोण को साझा करते हैं। साथ ही पाठ्यक्रम विकास, अनुभवात्मक शिक्षा, उद्योग के दौरे आदि में हमारा समर्थन कर रहे हैं।इस कार्यक्रम की शुरुआत फ्यूचर ऑफ स्किलिंग – इंगेजमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड एकेडमिया पर एक पैनल चर्चा के साथ हुई। जिसमें सम्मानित पैनलिस्ट इन्फो एज के सह-संस्थापक संजीव बिखचंदानी, ओएनजीसी की पूर्व सीएमडी डॉ अलका मित्तल, पाथ काइंड लैब्स के एमडी और सीईओ संजीव वशिष्ठ, सीबीआरई के एमडी राजेश पंडित, आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर ऑफ़ स्ट्रेटेजी डॉ. अमित कर्ण ने भाग लिया। उन्होंने विश्वविद्यालय और उद्योग को छात्रों को चोइस मेकिंग, समस्या समाधान और खुद में निवेश करने की तैयारी में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर विचार साझा किए। डॉ. नीता प्रधान दास ने दिल्ली के युवाओं के लिए कौशल को आकांक्षी बनाने में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए सभी पैनलिस्टस, उद्योग जगत के सदस्यों एवं विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया।
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