अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार दोस्तों। आज तीन महत्वपूर्ण विषयों पर हम सब आपके बीच में हाजिर हैं। मेरे सहयोगी तमिलनाडु और पुडुचेरी के प्रभारी दिनेश गुंडुराव जी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और हम सब।पिछले दो दिन से कांग्रेस पार्टी के महासचिव गण और प्रभारीगण, कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव के नेतृत्व में चिंतन शिविर में दिए गए मार्गदर्शन और नीतिगत निर्णयों पर मंथन कर रहे हैं। भविष्य का रास्ता क्या होगा,
चिंतन शिविर के निर्णयों को किस प्रकार से उनका क्रियांवन होगा, किस प्रकार से चिंतन शिविर द्वारा दिए गए मार्गदर्शन, दिशा निर्देश, दृष्टि उसको किस प्रकार से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगे लेकर जाएगी। पिछले दो दिन से इन पर लगातार मंथन हुआ और कल और आज की बैठक के बारे में आप कई बार पूछ चुके हैं। तीन निष्कर्ष अभी तक उसके निकल चुके हैं और जिन पर आगे कार्यवाही होगी। पहला, पहली और दूसरी जून को पूरे देश में प्रभारी महासचिवगण और प्रभारीगण दो दिन की स्टेट वर्कशॉप करेंगे।
जिसमें पार्टी के विधायकगण, सांसदगण, पार्टी के उम्मीदवारगण, पार्टी के पदाधिकारी, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षगण, वो सब उसमें हिस्सा लेंगे और चिंतन शिविर से जो हर विषय पर बिंदु निकले हैं, उनकी एक सूची हमने बनाई है, ताकि उनका जमीनी स्तर पर क्रियांवन हो सके। दो दिन का वहाँ शिविर करके उसके बारे में जरुरी दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन देंगे।उसके फॉलोअप में 11 जून को जिला कांग्रेस कमेटी इसी प्रकार का एक दिवसीय शिविर लगाएगी और जो-जो निर्णय उदयपुर एलान के अंदर शामिल हैं, उसे जिला स्तर और मंडल स्तर पर,
ब्लॉक तक लागू करने बारे वहाँ स्पष्ट दिशा-निर्देश समय सीमा और मार्गदर्शन दिया जाएगा।9 अगस्त से 15 अगस्त के बीच में हर जिला इकाई एक तीन दिवसीय आजादी गौरव यात्रा निकालेगी। जिसमें आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 पदयात्री कंपलसरी और हजारों और कांग्रेस के साथी शामिल होंगे।चौथा निर्णय ये है कि युवा कांग्रेस, एनएसयूआई मिलकर बहुत जल्द ‘एक रोजगार दो’ यात्रा का प्रदेशव्यापी प्लान बनाएंगे और उसके बारे में उनसे मंथन होकर, चर्चा होकर उसकी व्यापक रुपरेखा मैं आपको बताऊंगा।
पूर्व प्रधानमंत्री,राजीव गांधी के सात में से एक हत्यारे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने संबंधी पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि साथी शायद आपने इस पूरे केस का अध्ययन नहीं किया। इस केस में उन सारे हत्यारों को फांसी की सजा मिली थी और उच्चतम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से 7 हत्यारों को उनकी सजा कम्यूट करके उसे लाइफ सेंटेंस यानी आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था। सबने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मान लिया। आज सुप्रीम कोर्ट ने फिर निर्णय दे दिया। मेरा आपसे ये कहना है कि अगर सब आजीवन कारावास के जो कैदी हैं, उन्हें छोड़ना है, तो हजारों कैदी तो हमारे तामिल भाई-बहन हैं, फिर उन्हें भी छोड़ दीजिए या सिर्फ राजीव गांधी जी के हत्यारों को ही छोड़ना है। लाखों कैदी और हैं इस देश की जेलों में, अगर क्राइटेरिया ये है कि आजीवन कारावास के हर व्यक्ति को कुछ समय के बाद छोड़ देना है, तो फिर कानून बदलिए और लिख दीजिए कि इतने आजीवान कारावास का मतलब इतने साल की सजा है। फिर कानून में तब्दीली करिए और तब तक सबको छोड़ दीजिए। मेरा केवल आपसे ये कहना है कि किस व्यक्ति का, किस दल की क्या राय है, कौन हमारे साथ अलायंस में है, कौन नहीं है, मैं उस बहस पर नहीं जा रहा हूं। मैंने आपको एक भारतीय और कांग्रेसमैन के तौर पर एक बात रखी है कि ये निर्णय एआईएडीएमके-बीजेपी की सरकार ने लिय़ा था। आज किसकी राय है, वो अलग बात हो सकती है और इस निर्णय को खारिज भाजपा के नेता जो उस समय गवर्नर मनोनीत किए गए थे, जो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने इस निर्णय को खारिज नहीं किया। उल्टा राष्ट्रपति जी को भेज दिया, राष्ट्रपति जी भी एड एंड एडवाइज ऑफ काउंसिल ऑफ मिनिस्टर पर एक्ट करते हैं। तो मुझे ये बताइए कि क्या अगर सरकार बदल जाएगी, कोई अनहोनी हो जाए, देश के प्रधानमंत्री की हत्या हो जाए, दूसरी पार्टी की सरकार आएगी, वो कहेगी नहीं-नहीं अब इन हत्यारों को छोड़ दीजिए? क्या हत्या उग्रवाद और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई आजीवान कारावास की सजा इस पर राजनीतिक रंगभेद हो सकता है? इसीलिए हमने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पूरे देश के लोग जो उग्रवाद से लड़ने के बारे अपनी प्रतिबद्धता रखते हैं, आज बहुत निराश हैं।