अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का अंतिम दिन उस समय विस्मरणीय बन गया जब वर्ष 1966 में हरियाणा गठन के बाद पहली बार तीन विधायकों को सदन की कार्यवाही में सक्रिय भागीदारिता व लोकहित के मुद्दे उठाने के लिए सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में पुरस्कृत किया गया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कारों की परम्परा शुरू की गई। इससे पहले दो विधायकों को ही पुरस्कृत किया जाता था।
इस सत्र से तीन विधायकों को पुरस्कार देने की एक नई परिपाटी की शुरुआत की गई है। पुरस्कार स्वरूप शॉल, प्रशस्ति पत्र, विधानसभा का स्मृति चिन्ह व क्रमशः एक लाख 1 हजार रुपये, 71 हजार रुपये और 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। सभी विधायकों ने सदन के नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित चयनित कमेटी के सदस्यों का आभार जताया जिन्होंने इस पुरस्कार के लिए उनके नाम का चयन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए यह एक यादगार अवसर होता है जब सदन में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में स्मरण किया जाता है। इससे अन्य सदस्यों के लिए भी एक प्रेरणा मिलती है।
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