अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: गुरूग्राम सहित प्रदेश के अन्य जिलों मेवात, पलवल तथा फरीदाबाद जिलों के स्थानीय निवासियों के लिए सेना में भर्ती के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रैशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 11 अप्रैल तक चलेगी। इच्छुक व्यक्ति इस बारे में अधिक जानकारी के लिए वैबसाईट- डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाॅट ज्वाइनइंडियनआर्मी डाॅट एनआईसी डाॅट इन पर संपर्क कर सकता है। इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस वैबसाईट के माध्यम से भर्ती के लिए रजिस्ट्रैशन किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सेना में एसओएल, जीडी, एसओएल सीएलके/ एसकेटी, एसओएल टैक, एसओएल एनए/वीईटी और एसओएल ट्रैैड्समैन आदि ट्रैड के लिए आवेदन कर सकत हैं। अलग-अलग ईमेल आईडी द्वारा एक से अधिक ट्रैड में रजिस्ट्रैशन करने पर उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि आॅनलाइन आवेदन करने के बाद 15 अप्रैल से अपने ई-मेल आईडी या मोबाइल नंबर में दिए गए अलर्ट के अनुसार अपना एडमिट कार्ड वैबसाईट से डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदक प्रिंट साफ निकाले और इसे फोल्ड ना करें ताकि बार कोड पढ़ा जा सके। उन्होंने बताया कि आवेदक अपने साथ लाए गए एडमिट कार्ड के उपर अपनी लैटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो सभी मूल दस्तावेजो तथा पांच-पांच फोटोकाॅपी लेकर बताई गई तारीख व जगह पर समय से पहुंचे। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के दौरान दलालों से सावधान रहने की चेतावनी दी। जाली कागजात प्रस्तुत करने या गलत सूचना देने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। यदि भर्ती करने के पश्चात् गलत सूचना देने की जानकारी मिलती है तो संबंधित दोषी व्यक्ति को सेवा मुक्त करते हुए सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी आवेदक के बाजू के अंदरूनी भाग पर नाम या किसी धार्मिक चिन्ह या कोई और टेटू या खुदाई पाई जाती है तो उसे सेना में भर्ती की अनुमति दी जा सकती है। उपर्युक्त भाग को छोड़कर यदि शरीर के किसी अन्य भाग पर कोई स्थाई टैटू या खुदाई पाई जाती है तो उसे सेना में भर्ती की अनुमति नही दी जाएगी। जिन उम्मीदवारों ने गुरूग्राम, फरीदाबाद, पलवल तथा मेवात को छोड़कर कही और से शिक्षा ग्रहण की है , उन्हें निवास सिद्ध करने के लिए अपना तथा अपने माता-पिता के मतदाता पहचान पत्र , आधार कार्ड या अन्य किसी उचित पहचान पत्र को प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है। गलत पता होने पर और पुलिस द्वारा सत्यापित नही किए जाने की स्थिति में उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करके उन्हें सेवा से निष्कासित किया जा सकता है।
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