अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत्त शील मधुर, भूतपूर्व डी जी पी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम राष्ट्रपति के सचिव के.डी. त्रिपाठी आईएएस के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें अनुरोध किया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष होने को हैं, इस खुशी में हम आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहे हैं, परन्तु अभी तक देश की आजादी के प्रतीक, स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग – बलिदान के प्रतीक अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के लिए आज तक राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित नहीं कर पाए हैं।
इस ऐतिहासिक चूक को ठीक कर राष्ट्रीय ध्वज दिवस की अविलंब घोषणा की जाए। उन्होने बताया कि 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के मौजूदा स्वरूप, प्रारूप का सृजन कर स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में मान्यता दी थी इसलिए 22 जुलाई को राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में घोषित किया जाना सर्वाधिक उपयुक्त होगा ।
उन्होने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि विश्व के सभी ताकतवर देश अपने राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में प्रतिवर्ष अपना राष्ट्रीय ध्वज दिवस बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जिससे देशवासियों में देशभक्ति की भावना और प्रबल होती है।
शील मधुर ने यह भी उल्लेखित किया कि पिछले 26 जनवरी 2021 से अपने अनेक आयोजनों के माध्यम से दिल्ली और हरियाणा में राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं और बार-2 सरकारों से अपनी मांग, प्रमुखता से रखते रहे हैं। उसी कड़ी में राष्ट्रपति को उन्होने ज्ञापन सौंपा है। उन्होने विश्वास जताया है कि उनके ज्ञापन पर उचित कार्रवाई होगी और राष्ट्रीय ध्वज दिवस घोषित होगा ।उन्होंने स्पष्ट किया कि तिरंगा हमारे देश और हर देशवासी की अस्मिता, उसके सम्मान, गौरव का सर्वाधिक पवित्र प्रतीक है। सभी की आन बान शान का प्रतीक है। इसके सम्मान की रक्षा करना और इसकी शान को विश्वपटल पर सदैव बढ़ाते रहने का हर संभव प्रयत्न करना हमारा सबसे पुनीत कर्तव्य है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु तथा तिरंगे में निहित आदर्शो को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए सतत प्रयास करते रहने हेतु ही उन्होने देश भक्तों की एक तिरंगा सेना का गठन भी किया है। उन्होने सभी देशवासियों से अपील की है कि इस अभियान और भावना को अपना भरपूर समर्थन दें और देशभक्ति के इस महायज्ञ में अपना योगदान देकर गौरवान्वित हों ।
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