अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला:मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी ने शनिवार को राजबीर देसवाल, आईपीएस (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित ‘जींद अंटा-स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज‘ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह कार्यक्रम पुलिस ऑफिसर्स मेस, मोगीनंद में आयोजित किया गया। गत कुछ वर्षों में देसवाल द्वारा लिखी गई यह उनकी 22वीं पुस्तक है। इस अवसर पर देसवाल की पुस्तक के विमोचन समारोह में क्षेत्र की कई साहित्यिक हस्तियां, लेखक और कवि शामिल हुए, जिनमें पूर्व विधायक एवं लेखक के चाचा जसबीर देसवाल, पूर्व आईएएस अधिकारी एस एस प्रसाद एवं विवेक अत्रे, पूर्व आईपीएस के सेल्वराज, जस्टिस (सेवानिवृत्त) नवाब सिंह, कर्नल डी.एस. चीमा, लिली स्वर्ण, सोनिका सेठी आदि मौजूद रहे। देसवाल को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ढेसी ने ‘जींद अंटा-स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज‘ पुस्तक को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से जींद शहर के इतिहास का पता चलता है। जैसा कि देसवाल कहते हैं, यह पुस्तक पाठकों को ‘‘जींद – एक शहर जो चैन की नींद सोता है‘‘ से भी अवगत कराएगी। उन्होंने साहित्य जगत में देसवाल के योगदान की भी सराहना की।
लेखक के बारे में
एक पूर्व पुलिसकर्मी, लेखक, गायक, संगीतकार, फोटोग्राफर और वकील की भूमिका में राजबीर देसवाल एक विरल उत्साह के बहु प्रतिभावान व्यक्ति हैं। पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एक अन्य पुस्तक ‘‘टी बैग्स‘‘ पर भी कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर अधिवक्ता सागर देसवाल ने कार्यक्रम मे आए सभी गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद व्यक्त किया।
पुस्तक पर एक नजर
वर्तमान पुस्तक ‘‘जींद-अंटाः स्टोरीज ऑफ सिक्सटीज‘‘ लेखक के गाँव और छोटे से शहर जींद में बिताए बचपन की एक पुरानी याद है। हालाँकि यह एक छोटा सा जैव आत्मकथात्मक रेखाचित्र है, यह दस्तावेज प्रचलित सांस्कृतिक, सामाजिक, पारिवारिक, परिवेश या बीते समय की विचारधारा के बारे में अधिक बात करता है। यह पुस्तक प्रथाओं, परंपराओं, रीति-रिवाजों, पहनावे की शैलियों, मनोरंजन और एक साधारण जीवनशैली के अन्य पहलुओं का दस्तावेजीकरण करती है, जिन्हें सरल और सामान्य माना जाता है। इसके दो भाग हैंः पहला भाग अंटा नामक गाँव में व्याप्त वातावरण से संबंधित है और दूसरा भाग डेविड कॉपरफील्ड जैसे एक बड़े होते लड़के के अनुभवों से संबंधित है जो उस मुफस्सिल शहर में हर किसी को पसंदीदा लगता था। टैग लाइनों में जींद के मुफस्सिल शहर का वर्णन किया गया है – एक ऐसा शहर जो चैन की नींद सोता था और टैगलाइन – चंद्रमा कभी-कभी यहां विश्राम करता है जो गांव अंटा के ग्रामीण इलाकों में प्राचीन और जंगली परिवेश का वर्णन करती है। यह राजबीर देसवाल की 22वीं किताब है, जिसमें तीन भाषाओं- हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में कविता पर आठ किताबें शामिल हैं। राजबीर देसवाल की कहानियाँ पाठकों द्वारा बहुत बार पढ़ी जाती हैं और वह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में प्रक्टिस करते हैं।
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