अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के सेक्टर- 50 में पूर्व आईपीएस अधिकारी राम नारायण सिंह ने अपने घर के बेसमेंट बने लॉकर पर आयकर अधिकारियों के छापे के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों और पुलिस की कार्यशैली और उनके व्यवहार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह आरोप उन्होंने अपने घर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकर का बिजनेस कोई अवैध नहीं है,यह एक सिक्योरिटी बिजनेस है ठीक वैसे ही जैसे प्राइवेट गार्ड सुरक्षा के लिए एजेंसी मुहैया कराती हैं,इसके लिए कोई लाइसेंस की भी जरूरत नहीं होती है.जीएसटी फॉर्म के समान इसका रजिस्ट्रेशन होता है। इस मामले में कोई रेगुलेटरी नहीं है। यही कारण है कि अक्सर जाँच एजेंसियां अनावश्यक रूप से निजी लॉकर ऑपरेटर को प्रताड़ित और परेशान करती हैं।
सेक्टर-50 में घर के बेसमेंट बने लॉकर की ये दशा आयकर के अधिकारी और पुलिस ने बनाई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व आईपीएस राम नारायण सिंह ने बताया कि आयकर के अधिकारी पुलिस टीम के साथ यहां सर्वे करने आए थे। लेकिन इन लोगों ने बिना किसी सर्च वारंट के 665 लॉकर को खोला सर्च किया। इसके बाद जिन लोगों के लॉकर से कुछ मिला,उसका सर्च वारंट बना लिया. जिन लॉकर के मालिक नहीं आ पाए उन लॉकर का सर्च वारंट बनाकर, इन लोगों ने उनको भी तोड़ दिया. जबकि यह लॉकर ऑथराइज कंपनी गोदरेज के हैं. आयकर अधिकारी कंपनी से संपर्क कर भी इन लॉकर को खुलवा सकते थे. लेकिन इन अधिकारियों के बाद इतना सब्र भी नहीं था और उन्होंने बड़ी बेरहमी से लॉकर को तोड़कर उसके कैबिनेट को बर्बाद कर दिया। पूर्व आईपीएस अफसर का यह भी आरोप है कि जब किसी बैंक में लॉकर खुलवाने होते तो इस प्रकार कार्रवाई नहीं की जाती है। जिस लॉकर का सर्च वारंट होता है उसी लॉकर को खोला जाता है और सर्च किया जाता है। एक सर्च वारंट पर सामूहिक रूप से सारे लाकर नहीं खोले जाते. लेकिन ये लॉकर एक निजी कंपनी के थे, इसीलिए इन अधिकारियों ने तरह -तरह से हरासमेंट किया. क्योंकि वह जानते हैं की इन निजी लॉकर को चलाने वाले कमजोर हैं। उनकी कोई सुनवाई नहीं होती और डरते हैं कि विरोध किया तो और कोई बखेड़ा निकाल देंगे. पूर्व आईपीएस अफसर ने यह भी आरोप लगाया है कि लॉकर होल्डरों के साथ आयकर अधिकारियों ने मारपीट भी की, यह लॉकर होल्डर इसलिए भी डर के शिकायत नहीं कर सके। क्योंकि उनके मोबाइल फोन से कुछ तस्वीरें जो आयकर अधिकारियों को मिली जिसके बिना पर वह इन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे, लेकिन हमारे पास इस बात की एविडेंस है कि उनके साथ मारपीट की गई है यहां लगे सीसीटीवी कैमरों में यह कैद हुआ है. पूर्व आईपीएस अफसर ने पुलिस की भूमिका पर भी गहरे आरोप लगाए हैं,उनका कहना था कि पुलिस इन आयकर अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आई थी, जिससे कि रेड के दौरान कोई लॉ एंड ऑर्डर की समस्या ना उत्पन्न हो. लेकिन पुलिस इनके पार्टनर के समान व्यवहार करती नजर आई और मारपीट में इनके साथ शामिल थी.पूर्व आईपीएस अफसर का कहना है कि आयकर अधिकारियों का व्यवहार उनके साथ अच्छा था लेकिन उनके बेटे और बहू के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया. उनका कहना था कि जो अधिकारी कह रहे हैं कि सात करोड़ का जेवर और कैश मिला है इसके बारे में डिटेल तो वही बता सकते हैं।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments