अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
आर्थिक घोटालों में अग्रीय गौतम बुध नगर में एक और करोड़ों का घोटाला प्रकाश में आया है। जिसमें एक निजी बैंक के प्रबंधक के साथ मिलकर 8 लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खाता खोल कर लेन-देन किया और इसमें 37 करोड़ के काले धन को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद बना डाला। ग्रेटर नोएडा की दादरी पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि बाकी लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह पूरा फर्जीवाड़ा 200 करोड़ के करीब का है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े दिल्ली निवासी मनीष अरोड़ा, मनोज कुमार, पल्लव जायसवाल और गाजियाबाद निवासी विनय तिवारी पर आरोप है कि इन लोगों ने एक फर्जी फर्म बनाकर, फर्जी दस्तावेज के आधार पर एक निजी बैंक में खाता खोलें और 37 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन कानपुर के एक अन्य बैंक में किया। इस काम में उनकी मदद पल्लव जायसवाल ने की जो दादरी स्थित एक निजी बैंक के प्रबंधक थे। पुलिस के अनुसार इस घोटाले में कुल 8 लोगों के नाम सामने आए हैं जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं एडिशनल डीसीपी विशाल पांडे ने बताया कि, उप्र सतर्कता अधिष्ठान मेरठ के पुलिस उपाधीक्षक सुधीर कुमार बलवान की जांच पर 25 जुलाई 2020 को दादरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।एडिशनल डीसीपी ने बताया कि सभी आरोपियों ने बाल-ब्लास्ट फर्म प्रोपराइटर के राजकुमार गुप्ता व महावीर ट्रेडिंग फर्म के मालिक मनोज सिंह के साथ मिलकर फर्जी तरीके से डायनामिक रियल कॉन प्राइवेट लिमिटिड कम्पनी बनाई। इसका कानुपर इंडियन बैंक शाखा में खाता खुलवा। पल्लव ने ही दादरी की निजी बैंक की शाखा में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले थे। फर्जीवाड़ा करने वाले इतने शातिर थे, किसी ने सही पता नहीं लिखवाया। यही कारण रहा कि आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।इस पूरे फर्जीवाड़ा का मास्टर माइंड श्याम सुंदर गुप्ता थे। उनका निधन हो चुका है। यह पूरा फर्जीवाड़ा बड़े ही शातिर अंदाज में किया गया। इसमें करीब 200 करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें से करीब 37 करोड़ रुपये का आदान प्रदान दादरी के बैंक खातों से किया गया था।
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