अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:गुरुग्राम पुलिस ने आज साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए निजी बैंक के एक असिस्टेंट मैनेजर, दो डिप्टी मैनेजर सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इन आरोपितों द्वारा साइबर ठगों से सांठ गांठ करते हुए बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी साइबर ठगों से सांझा की जाती थी। पुलिस ने आरोपितों के कब्जा से 2 मोबाइल फोन बरामद किए है।पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस थाना साइबर अपराध मानेसर, गुरुग्राम में एक व्यक्ति ने लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि दिनांक 18 नवम्बर-2023 को उसके मोबाइल फोन पर फोन आया और फोन करने वाले व्यक्ति ने उसको अपना परिचय उसके दोस्त देवेन्द्र के रूप में दिया. और
शिकायतकर्ता को अपने विश्वास में लेकर कहा कि उसका बेटा हॉस्पिटल में एडमिट है और उसको इलाज के लिए 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा।
उसके बाद उसने एक यू.पी.आई. आई.डी. भेजकर कहा कि यह मेरे भतीजे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा दो तो उसने उसके द्वारा भेजी गई यू.पी.आई. आई.डी. पर उसे 10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। उसको किसी ने विश्वास में लेकर धोखे से उससे रुपए ट्रांसफर कराकर उसके साथ ठगी की है। इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध मानेसर, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा नंबर-24 दर्ज किया गया। उनका कहना हैं कि थाना साइबर अपराध के प्रबंधक व निरीक्षक संदीप अहलावत की पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उपरोक्त मुकदमा की वारदात में बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले आरोपितों सहित कुल 4 आरोपितों को काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपितों की पहचान मोहित राठी, निवासी गांव राठीवास, जिला गुरुग्राम (उम्र 25 वर्ष), महेश कुमार, निवासी गांव कलवारी, थाना बिलासपुर, जिला गुरुग्राम (उम्र 27 वर्ष),विश्वकर्मा मौर्य, निवासी गांव रामपुर, जिला मऊ, उत्तर-प्रदेश (उम्र 28 वर्ष)व हयात, निवासी गांव सालाका, जिला मेवात (उम्र 22 वर्ष)के रूप में हुई। पुलिस टीम ने गत 21 फरवरी 2024 को बिलासपुर (गुरुग्राम) से आरोपित मोहित राठी को गत 22 फरवरी 2024 को गाँव कलवाङी से, आरोपित महेश कुमार को,गत 26 फरवरी 2024 को,आरोपित विश्वकर्मा मौर्या को मानेसर से तथा आरोपित हयात को मेवात से काबू कर गिरफ्तार किया गया हैं। उनका कहना हैं कि आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपितों मोहित राठी (असिस्टेन्ट मैनेजर), महेश कुमार (डिप्टी मैनेजर) व विश्वकर्मा मौर्या (डिप्टी मैनेजर) सभी एमजी रोड स्थित निजी बैंक की शाखा में कार्यरत थे। उपरोक्त आरोपित हयात के माध्यम से ये मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे और उसके बाद से ये लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने में प्रयोग करने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे, जिसके बदले ये साइबर ठग से 15-20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे। पहले ये उपरोक्त आरोपित हयात के माध्यम से साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे और अभी वर्तमान में साइबर ठगों से इनका सीधा सम्पर्क था। उपरोक्त मुकदमा में भी शिकायतकर्ता/पीड़ित से साइबर ठग द्वारा जिस बैंक खाते में रुपए ट्रांसफर कराए थे वो बैंक खाता भी उपरोक्त आरोपितों द्वारा ही खोला गया था व इनके द्वारा ही साइबर ठगो को उपलब्ध कराया गया था। उपरोक्त आरोपित मोहित राठी, महेश कुमार व विश्वकर्मा मौर्या पिछले करीब 7 महीने से कथित बैंक में नौकरी कर रहे थे और इस दौरान ये करीब 2 हजार बैंक खाते खोल चुके थे। क्या यह सभी बैंक खाते फ्रॉड करने के लिए इस्तेमाल हुए है या नहीं, इस संबंध में अनुसंधान जारी है। ये (आरोपित) बिलासपुर एरिया में स्थित कंपनियों में कार्य करने वाले कच्चे कर्मचारियों को गुमराह करके उनसे उनके दस्तावेज प्राप्त कर लेते थे तथा उनके नाम से बैंक खाता खोलकर बैंक खाते की किट अपने पास रख लेते थे, फिर इन्हीं बैंक खातों को ये साइबर ठगों को दे देते थे।उनका कहना हैं कि पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त आरोपितों द्वारा खोले गए बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया जा रहा है तथा आरोपितों से अन्य साथी आरोपितों व अन्य वारदातों के बारे में भी गहनता से पूछताछ की जा रही है, पुलिस पूछताछ में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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