अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सेक्टर-18, गुरुग्राम में क्यू बिल्डिंग के नजदीक अस्थाई झोपड़ी बनाकर रहने और उसके बाहर चाय-पराठे की दुकान चलाने वाले एक शख्स से 4 पुलिस कर्मियों ने दुकान बंद कराने की धमकी देकर हफ्ता और मंथली वसूली का मामला प्रकाश में आया है। बुधवार को पीड़ित शख्स की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा ने इन चारों आरोपितों के खिलाफ सेक्टर- 17-18 थाने में एफआईआर दर्ज कराया, और पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। थाना पुलिस ने इन चारों आरोपित पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर वीरवार को जेल भेज दिया। मामले की जांच एसीपी उद्योग विहार को सौंपी गई है। इन आरोपितों में सेक्टर 17-18 में तैनात एएसआइ बिजेंद्र कुमार, हेड कांस्टेबल राजबीर, ईआरवी पर तैनात सिपाही अजय कुमार और एसपीओ अनिल शामिल है।
बताते है कि मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले के गांव बथिया निवासी गुलाब सिंह साहू ने पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा को दी शिकायत में कहा कि वह सेक्टर- 18 में क्यू बिल्डिंग के गेट के सामने अस्थाई झोपड़ी बनाकर रहते हैं। वहीं पर चाय-पराठा, सिगरेट की दुकान कर रखी है। दुकान पर सेक्टर- 18 थाने का हेड कांस्टेबल राजबीर आता था।उसने दुकान बंद करने की धमकी दी और कई बार दुकान बंद भी कराई। उनका सामान भी उठा ले जाता था। राजबीर से कई बार माफी मांगी, अनुरोध किया तो उसने प्रत्येक सप्ताह के 5000 रुपये मांगे। मजबूर होने पर वह ये रुपये देने लगे। हर सप्ताह अलग-अलग दिन में राजबीर आकर रुपये ले जाता था।
कुछ समय बाद दुकान पर ईआरवी स्टाफ के सिपाही अजय और एसपीओ अनिल भी आने लगे। यह दोनों लोग भी दुकान बंद करने की धमकी देकर प्रत्येक सप्ताह कभी एक हजार तो कभी पांच सौ रुपये ले जाने लगे। इससे परेशान होने पर गुलाब सिंह ने झोपड़ी के अंदर कैमरा लगा लिया। बीते दिनों जब राजबीर, अनिल व अजय दुकान पर आए तो इन्होंने रुपये देते हुए वीडियो बना लिया।गुलाब सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सेक्टर 17-18 थाने में तैनात एएसआई बिजेंद्र को वह चार-पांच साल से जानते हैं। वह भी उनके पास आता था और दुकान बंद करने की धमकी देकर हर महीने 10 हजार रुपये नकद ले जाता था। कुछ आरोपितों ने इससे खातों में भी रुपए डलवाए। इसकी रसीद भी इन्होंने पुलिस आयुक्त को सौंपी।इस पुलिस आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से इन सभी आरोपित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध थाने में केस दर्ज करने और गिरफ्तारी के आदेश दिए। बुधवार को ही इन सभी आरोपितों को निलंबित कर दिया गया। थाना पुलिस ने गुरुवार को पूछताछ के बाद इन सभी को भोंडसी जेल भेज दिया गया।
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