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नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ: पूरे देश के अंदर कांग्रेस के सभी यूनिट्स इसको ‘विश्वास घात दिवस’ के रूप में मना रहे हैं- अजय माकन को सुने इस वीडियो में

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव एंव मीडिया प्रभारी  अजय माकन ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा – आप सब लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है। नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ या बरसी, जो भी कहें आज 8 नवम्बर को है और पूरे देश के अंदर कांग्रेस के सभी यूनिट्स इसको ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में इसको मना रहे हैं और आज अपनी बात शुरु करने से पहले हम लोग, 125 से भी ज्यादा लोग, जो नोटबंदी के बाद में जिन लोगों की नोटबंदी की दिक्कत और तकलीफों की वजह से जानें गईं उनको हम लोग श्रद्धांजलि देना चाहते हैं और ये एक ऐसा 25 मिनट का भाषण प्रधानमंत्री जी का था, जिसने अर्थव्यवस्था को हमेशा-हमेशा के लिए इतना भारी नुकसान पहुंचा दिया कि उसको वापस हम कैसे, कब रिकवर कर पाएंगे, इसको कोई नहीं जानता है। राहुल जी ने भी कहा कि अर्थव्यवस्था के सीने पर दो गोलियाँ मोदी सरकार के द्वारा दागी गईं, एक तो नोटबंदी और दूसरा कि जिस तरीके से जीएसटी को लागू किया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी ने 24 नवम्बर, 2016 को इसी नोटबंदी के बारे में, जो अपने केवल दो मिनट का अभिभाषण दिया वो मेरे समझ से हम सब लोग ये मानते हैं कि वो अपने अंदर एक दूरगामी विचार वाला और सोच वाला भाषण था, उसकी केवल एक लाइन मैं पढ़कर शुरु में बताना चाहता हूँ और ये मैं कोट कर रहा हूँ “…the way this scheme has been implemented- is a monumental management failure, and in fact, it is a case of organised loot, legalised plunder of the common people.” यानि ये पूरा का पूरा नोटबंदी जो है, इसको ऑर्गेनाइज्ड लूट और लीगलाइज्ड प्लंडर के रुप में कहा जाए तो गलत नहीं होगा। ये पूर्व प्रधानमंत्री भारत के खासतौर से जिनको पूरी दुनिया वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट मानती है, डॉ मनमोहन सिंह जी ने राज्यसभा मे 24 नवम्बर, 2016 को कहा और सरकार को खुद भी इस चीज का अंदाजा नहीं था कि वो ये क्यों कर रहे हैं। लिहाजा 8 अलग-अलग कारण, अलग-अलग समय के ऊपर दिए गए। हम आप लोगों को आज हमारी प्रेस रिलीज के साथ एक तीन पेज का और अलग से डॉक्यूमेंट दे रहे हैं, जिसमें हम डेटवाइज आपको बताएंगे कि कैसे-कब-कब ये गोल पोस्ट या कारण शिफ्ट किए गए कि क्यों ये नोटबंदी की जा रही है और इससे क्या फायदा होगा।

जैसे पहली बार, जब 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी क्यों कर रहे हैं इसके बारे में जब राष्ट्र के नाम संदेश दिया, तो उन्होंने 18 बार कहा कि कालाधन को रोकने के लिए ये किया जा रहा है और 5 बार ये कहा कि जाली नोटों को रोकने के लिए किया जा रहा है और हैरानी की बात ये है कि 8 नवम्बर को जब 18 बार वो कह रहे हैं कालाधन और 5 बार कह रहे हैं जाली नोट, नवम्बर के अंत आते-आते उन्होंने नोटबंदी के बारे में जो भाषण थे, उनमें से कालाधान और जाली नोट दोनों के दोनो कारण हटा दिए। कालाधन और जाली नोट से उसके बाद में उन्होंने कहा कि ये कैशलैस इकॉनमी के लिए कर रहे हैं। फिर कैशलैस इकॉनमी के बाद में टैररिज्म के लिए कर रहे हैं, फिर उसके बाद में इनके एक इकॉनमिक एडवाइजर ने कहा कि ये बैंक के अंदर सेविंग्स को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है फिर एक कारण दिया गया कि ये टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है फिर उसके बाद जनवरी के अंत में इनके एक और इकॉनमिक एडवाइजर ये कहते हैं कि ये रियल एस्टेट प्राईजेज को कम करने के लिए किया जा रहा है, तो 8 अलग-अलग कारण अलग-अलग समय पर दिए गए और उन कारणों में से कोई भी कारण पूरा नहीं हुआ। लिहाजा आज चौथी वर्षगांठ पर कांग्रेस पार्टी 7 सवाल मोदी जी से और मोदी सरकार से नोटबंदी को लेकर पूछना चाहती है। सबसे पहला सवाल और इसके बारे में बहुत ही संक्षिप्त में मैं आपको बहुत ही थोड़ा-थोड़ा उसके बाद में बताऊँगा। पहले सातों सवाल एक साथ में मैं आपके सामने रखना चाहता हूँ।

1.क्या नोटबंदी ने भारत के अंदर कालाधन और भ्रष्टाचार को कम करने में कुछ भी मदद की है?

2.नोटबंदी के बाद में जाली नोट क्यों हिंदुस्तान में बढ़ गए हैं, जबकि खुद मोदी सरकार ने, मोदी जी ने 8 नवम्बर को 5 बार, जैसे मैंने कहा कि अपने भाषण में कहा कि जाली नोट खत्म करने के लिए किया गया है। लेकिन मैं आपको बताऊँगा अभी आगे आंकड़े देकर कि कैसे जाली नोट हिंदुस्तान में बढ़ गए हैं। ये हमारे आंकड़े नहीं हैं, खुद भारत सरकार के आंकड़े हैं। तो हमारा प्रश्न है कि नोटबंदी के बाद में जाली नोटों का भारत में संक्रमण क्यों बढ़ गया है?

3.कैश ट्रांजेक्शन, कहते थे कि कम हो जाएगा तो नोटबंदी के बाद कैश ट्रांजैक्शन क्यों बढ़ गए है और दूसरा इसके साथ और भी महत्वूर्ण प्रश्न है इसी के साथ में कि क्या हिंदुस्तान में कैश ट्रांजेक्शन बंद होने चाहिए, क्या हिंदुस्तान ये अफॉर्ड कर सकता है कि यहाँ पूरी की पूरी हमारी इकॉनमी कैशलैस हो जाए?

4.क्या टेररिज्म इस डिमोनेटाइजेशन से कम हुआ है?

5.क्या बैंको के अंदर सेविंग्स बढ़ गई हैं?

6.इन्होंने कहा था कि नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा होगा, तो क्या रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा हुआ है औऱ आज रियल एस्टेट कहाँ पर है?

7.डिमोनेटाइजेशन, नोटबंदी की वजह से भारत के अंदर बेरोजगारी जो बढ़ी है उसका कौन जिम्मेवार है और इसका बेरोजगार और रोजगार के ऊपर क्या प्रभाव पड़ा है, ये भी हम बताना चाहेंगे।

सबसे पहले कालेधन के ऊपर आते हैं। आरबीआई के बोर्ड ने जब अपनी अप्रूवल डिमोनेटाइजेशन के लिए दी, तो उन्होंने ये साफ अप्रूवल में ही ये कहा कि भारत के अंदर कालाधन लोगों का या तो सोने के रूप में या रियल एस्टेट, जमीन के रूप में है और इस वजह से उनका ये मानना था कि इसका कालेधन के ऊपर कोई असर नहीं होगा। टोटल 500 और 1,000 के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट सर्कुलेशन में थे और नोटबंदी के बाद में इनमें से 99.3 प्रतिशत नोट वापस आ गए, 15.31 लाख करोड़ रुपए, जो 99.3 प्रतिशत इसकी करंसी है

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