अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने आज जिओ कंपनी की 5जी टावर लगवाने के नाम पर आम लोगों से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। पुलिस ने इस गिरोह के 4 सदस्यों को अरेस्ट किए हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई 7 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 एटीएम कार्ड व 41200 रूपए नकद बरामद किए हैं। अरेस्ट आरोपितों के नाम विक्रांत, प्रदीप, रिशाल तथा अजीत है।
एसीपी साइबर अभिमन्यु गोयत ने आज आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम विक्रांत, प्रदीप, रिशाल तथा अजीत है। आरोपित विक्रांत दिल्ली के विजय विहार, प्रदीप हिसार जिले के हांसी, रिशाल तथा अजीत यूपी के बुलंदशहर एरिया के रहने वाले हैं। ये सभी आरोपित मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। आरोपित गूगल पर अपना फर्जी विज्ञापन डालते हैं जिसमें वह बताते हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर जिओ कंपनी का 5G मोबाइल टावर लगवाता है तो उसे ₹50000 रूपये हर महीना दिया जाएगा और इसके साथ ही टावर के रख रखाव के लिए एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी। विज्ञापन को देखकर कई लोग इसके लालच में आ जाते हैं और साथ ही नौकरी की बात सुनकर उन्हें यह आश्वासन मिल जाता है कि उनकी जॉब गारंटी पक्की हो गई है, क्योंकि जब तक मोबाइल टावर रहेगा तब तक उन्हें घर बैठे नौकरी मिलेगी। यह सोचकर कुछ व्यक्ति उनके द्वारा दिए गए विज्ञापन पर क्लिक करते हैं जिससे एक https://www. hindustantowersgroup.com नाम से वेबसाइट खुलती है जिस पर व्यक्ति अपनी डिटेल डालता है तो उसकी ईमेल आईडी, फोन नंबर सब कुछ आरोपितों के पास पहुंच जाता है जिसके पश्चात आरोपित उसे संपर्क करते हैं और उसके साथ बातचीत करके उसे बड़े-बड़े सपने दिखाते हैं और अपनी ईमेल आईडी info@mobiletowerinstallation.com से कुछ फर्जी कागजात बनाकर उस व्यक्ति को भेजते हैं जिससे उसे आरोपियों पर पूरा भरोसा हो जाता है और जब वह व्यक्ति अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने की सहमति प्रदान कर देता है तो उसके पश्चात आरोपितों का खेल शुरू होता है और वह अलग-अलग बात का बहाना बनाकर उस व्यक्ति से पैसे ऐंठते हैं। आरोपितों इंक्वायरी की बात कहकर फाइल चार्ज के नाम पर या जमीन का सैटेलाइट द्वारा निरीक्षण करने के नाम पर या जमीन का इंश्योरेंस करवाने के नाम पर या टावर लगवाने के चार्ज के नाम पर अलग-अलग बहाने बनाकर पैसे ठगते हैं। आरोपितों द्वारा रचे गए इस षड्यंत्र में कुछ भोले भाले लोग झांसे में आ जाते हैं और वह ठगों को अपने पैसे दे बैठते हैं। इसी प्रकार का झांसा देकर आरोपितों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ अलग-अलग बात का बहाना बनाकर ₹68000 ठग लिए। पीड़ित को जब उसके साथ हुई ठगी के बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत साइबर थाने में दी थी इसके पश्चात थाने में षड्यंत्र व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले में जांच शुरू की गई। पुलिस ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए आरोपितों की धरपकड़ के लिए टीम का गठन किया जिसमें उप-निरीक्षक बाबूराम, एएसआई धर्मेंद्र सिंह, मुख्य सिपाही देवेंद्र कुमार, सिपाही कर्मबीर, संदीप तथा शमशेर का नाम शामिल था। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों को 11 व 13 जुलाई को दिल्ली, हांसी तथा बुलंदशहर एरिया में दबिश देकर उन्हें काबू कर लिया। आरोपितों के कब्जे से वारदात में प्रयोग 7 मोबाइल फोन, 7 सिम, 1 लैपटॉप, 1 एटीएम कार्ड व 41200 रुपए नगद बरामद किए गए। आरोपितों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस पूछताछ में सामने आया कि इस गिरोह का सरगना आरोपित विक्रांत है। आरोपित रिशाल तथा अजीत इन्हें फर्जी सिम कार्ड और बैंक खाते उपलब्ध करवाते हैं वहीं आरोपित प्रदीप इनकी वेबसाइट मैनेज करता है। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपितों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
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