अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: वेबसाइट के जरिए सर्विस देने के लिए बुलाकर कार में बिठा ,फिर उसे पुलिस अधिकारी व पत्रकार बन कर धमकाने और उससे मोटी रकम ठगने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गुरुग्राम के सदर थाने की टीम ने गिरफ्तार किए हैं।गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने देश भर में अब तक सैकड़ों वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। ये सनसनीखेज खुलासा आज एसीपी क्राइम वरुण कुमार ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए हैं।
एसीपी क्राइम वरुण कुमार ने आज पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि गत 4 जून 2023 को एक व्यक्ति ने पुलिस चौकी झाड़सा, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि एक व्यक्ति ने एक वेबसाइट के माध्यम से उससे संपर्क किया और उससे सर्विस मांगी। उसके साथ मोबाइल पर सम्पर्क करके उसको साईबर पार्क सैक्टर-39, गुरुग्राम में बुला लिया और उसको एक स्विफ्ट डिजायर कार में बिठा लिया, फिर उन्होंने अपना परिचय पुलिस कर्मियों के रूप में कराते हुए उसके द्वारा साइबर अपराध किए जाने के अपराध में उसको जेल भेजने की धमकी दी। फिर गाड़ी में बैठाकर ही उसको सैक्टर-39 ले गए और फिर अन्य व्यक्ति जिसने अपना परिचय एक सीनियर पुलिस अधिकारी के रूप में कराकर उससे 1 लाख रुपए मांगे और रुपए ना देने की सूरत में जेल भेजने की धमकी दी। उसने अपने भाई के खाते से उनके द्वारा बताए गए अकाउंट में 50,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए और बाकी रुपए अरेंज करके देने के लिए व इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इस संबंध में पुलिस थाना सदर, गुरुग्राम में सम्बन्धित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
उनका कहना हैं कि नीतीश अग्रवाल पुलिस उपायुक्त पूर्व, गुरुग्राम के निर्देशन में निरीक्षक वेदप्रकाश,प्रबन्धक थाना सदर व उप-निरीक्षक जसवंत, प्रभारी पुलिस चौकी झाड़सा, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्रवाई करके उपरोक्त मुकदमा की वारदात को अंजाम देने में शामिल रहे व वारदात के समय गाडी चालक की भूमिका निभाने वाले सुनील नामक आरोपित को गत 5 .जून 2023 को जयपुर, राजस्थान से काबू करके मुकदमा गिरफ्तार किया गया था, जिसको गत 6 जून 2023 को अदालत के सम्मुख पेश करके एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। पुलिस हिरासत डिमांड के दौरान उसने पुलिस पूछताछ में अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उपरोक्त वारदात को अंजाम देने का खुलासा किया था। पुलिस टीम द्वारा उसके कब्जा से वारदात में प्रयोग की गई 1 कार (स्विफ्ट डिजायर) भी बरामद की गई थी।उनका कहना हैं कि उपरोक्त आरोपित सुनील द्वारा किए गए खुलासे के आधार पर पुलिस टीम द्वारा आगामी कार्रवाई करते हुए उपरोक्त मामले के दोनों मुख्य आरोपितों को कल 15 जून 2023 को जयपुर (राजस्थान) से काबू करके मुकदमा में गिरफ्तार किया गया। आरोपितों के नाम मोहित कुमार टांक (उम्र 29 वर्ष, शिक्षा 8वीं) व देवकीनन्दन निवासी मध्य-प्रदेश वर्तमान पता जयपुर, राजस्थान (उम्र 37 वर्ष , शिक्षा 10वीं) हैं। आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त मोहित कुमार टांक मूल रूप से जयपुर, राजस्थान का रहने वाला है और ये जयपुर में ही बतौर टूरिस्ट गाइड का काम करता था। करीब 9 वर्ष पहले यह एक डिस्को में काम करने के लिए गया था, डिस्को में ही इसकी मुलाकात तहलका चैनल के मालिक इब्राहिम शेख से हुई। अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के कारण यह मुंबई में इब्राहिम शेख (तहलका चैनल के मालिक) के साथ मिलकर अच्छे रुतबे वाले लोगों का स्टिंग ऑपरेशन करने लगा था। वर्ष-2020 में कोविड के कारण लॉक डाउन होने के बाद यह जयपुर वापस आ गया। आरोपितों से पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि यह (आरोपी मोहित टांक) स्टिंग ऑपरेशन का काम अच्छे से जानता था तो जयपुर में ही उसके नजदीक ही किराए पर रहने वाले एक व्यक्ति देवकीनन्दन व सुनील (उपरोक्त आरोपी) के साथ मिलकर उसने इस प्रकार की वारदात करके जबरन उगाही करने की योजना बनाई और विभिन्न वेबसाइट्स (रैंटमैन, स्कोका, लॉक एन्टो, जिगोलो व मसाज-रिपब्लिक इत्यादि) के माध्यम से अपने शिकार को टारगेट करते और उससे सर्विस लेने के बुलाते। अलग-अलग शहरों में जिस स्थान पर ये वारदात करते थे वहां के नजदीकी पुलिस थाना की जानकारी व लोकेशन इन्टरनेट के माध्यम से लेते व आरोपित देवकीनन्दन को उनकी योजना के अनुसार पुलिस स्टेशन/चौकी के गेट के पास खड़ा कर देते थे और इनके द्वारा टारगेट किया गया व्यक्ति जब इनके द्वारा दिए गए स्थान पर पहुंचता तो मोहित कुमार टांक उस व्यक्ति को अपना परिचय एक पत्रकार के रूप में कराता और उसके द्वारा साइबर अपराध करने की बात कहकर उसको जेल भेजवाने की धमकी देता। उस व्यक्ति पर अधिक दबाव बनाने के लिए उसे गाङी में बैठाकर उसको पुलिस स्टेशन/चौकी के पास ले जाता, जहां पर पहले से ही उसका साथी देवकीनन्दन खङा होता था। यह उसका परिचय एक पुलिस अधिकारी के रूप में करवाता और फिर ये उस व्यक्ति से जेल भेजने की धमकी देने के नाम पर वसूली करते। उपरोक्त मुकदमा में भी इन्होनें पीङित से 50 हजार रुपयों की वसूली की थी। ये एक शहर में करीब 1 महीना रुकते और वारदात को अंजाम देने के बाद ये दूसरे शहर में जाकर वहां वारदात करते। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में पूरे देश में अलग-अलग शहरों जैसे दिल्ली, जयपुर,बेलगाँव,मुम्बई, अहमदाबाद इत्यादि में उपरोक्त प्रकार से सैंकड़ों वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया है। इन्होनें यह भी बताया कि जब इनके द्वारा की गई वारदात का पीड़ितों को आभास हो जाता और वो उनकी शिकायत पुलिस में करने के लिए कहता तो ये उस व्यक्ति को ये अधिक रुपए देकर उसके साथ अपना समझौता कर लेते थे।
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