अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नोएडा से कॉल सेंटर ऑपरेट कर अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम के साथ छेडखानी कर पॉप-अप मैसेज भेजकर उनके बैंक खातों की डिटेल प्राप्त कर उनसे लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले कॉल सेंटर का थाना-फेज 3 और थाना सेक्टर-63 पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इन दोनों कॉल सेंटर से 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें 14 युवतियां भी शामिल है। ये दोनों कॉल सेंटर सागर नाम का आरोपी चला रहा था। इनके पास से 66 लैपटॉप, 37 हैंडसेट, लैपटॉप चार्जर, 13 मोबाइल फोन बरामद किया गया है. पुलिस के गिरफ्त में खडे 43 लोगों को पुलिस ने शहर मे चल रहे दो फर्जी कॉल सेन्टर से पकडा है जिनमें 14 युवतियां भी शामिल है. पकड़े गए सभी आरोपियों में नार्थ ईस्ट के सबसे ज्यादा युवा है। इनकी बात करने का तरीका और अंग्रेजी पर कमांड ज्यादा होती है। ये इस तरह से बात करते है जैसे अमेरिकी नागरिक की बात कर रहा हो। इसलिए आसानी से अमेरिकी नागरिक इनके बहकावे में आ जाता था। ये लोग ई मेल ब्लास्टिंग कराते थे। यानी एक साथ लाखों ई मेल पर क्लिक करते ही कंप्यूटर और लैपटॉप पर खराबी आनी शुरू होती थी। डीसीपी ने बताया कि इसके बाद ये अपने को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बता कर संपर्क करते है। विश्वास में लेने के लिए फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम का फर्जी दस्तावेज भेजकर ही उनसे पैसे की डिमांड करते थे. इस समस्या के निपटारे के लिए एक लिंक दिया जाता है। लिंक पर क्लिक के साथ उनके कम्प्यूटर को अपने कंट्रोल में टीम विवर, एनी डेस्क और अल्ट्रा विवर के जरिए लेकर उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल करते थे। साथ ही सिस्टम को ठीक करने के लिए सर्विस चार्ज के रूप में मोटी रकम ली जाती है। पैसे लेने के लिए या तो बारकोड भेज कर बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करा लेते है। ये लोग अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का डर दिखाया जाता है। जेल जाने की धमकी दी जाती है। डर दिखाकर ही विदेशी नागरिकों से क्रिप्टो करेंसी और गिफ्ट कार्ड के जरिये रकम हासिल करते थे।
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