अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (साइबर सेल) ने 2 दशकों से अधिक समय से अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपित बांग्लादेशियों के नाम (1) मुस्ताक निवासी बवाना, दिल्ली, उम्र 72 वर्ष ,(2) शाहिद खान निवासी बवाना, दिल्ली, उम्र 28 वर्ष, (3) मिंटू निवासी बवाना, दिल्ली, उम्र 32 वर्ष है।दिल्ली के बवाना में प्रॉपर्टी डीलर के तौर पर काम कर रहे थे, इनके पास फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और अन्य जाली दस्तावेज थे।
डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम ने आज जानकारी देते हुए बताया कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए, इंस्पेक्टर विवेकानंद के नेतृत्व में साइबर सेल की एक समर्पित टीम बनाई गई, जिसमें एसआई शबनम सैफी, एसआई सतवंत सिंह, एसआई प्रवेश कुमार राठी, एएसआई कंवर पाल, एएसआई महेश, एचसी विपिन कुमार, एचसी कमल कुमार, एचसी राजेश कुमार, एचसी अनुज कुमार, एचसी मनीष डबास, एचसी विनोद, कांस्टेबल सचिन, कांस्टेबल रवि और कांस्टेबल शिखा शामिल थे। यह टीम एसीपी पवन कुमार की करीबी निगरानी में काम कर रही थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली के उत्तर और उत्तर-पश्चिम जिलों के साप्ताहिक बाजारों में अपने सूत्रों को तैनात किया, जहां अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रहने का संदेह था।
डीसीपी क्राइम का कहना है कि एएसआई कंवर पाल को एक गुप्त सूचना मिली थी कि बवाना में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का एक परिवार रह रहा है और अगर छापेमारी की जाए तो उन्हें पकड़ा जा सकता है और उनके कब्जे से जाली और मनगढ़ंत दस्तावेज बरामद किए जा सकते हैं। सूचना मिलने पर, टीम ने तुरंत तकनीकी और मैनुअल संसाधनों का उपयोग करके जानकारी विकसित करना शुरू कर दिया। आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और पुष्टि होने पर जे जे कॉलोनी, बवाना में छापेमारी की गई और उपरोक्त आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों से पूछताछ और उनका प्रोफाइल आरोपितों ने बांग्लादेश के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार करके और अपनी राष्ट्रीयता साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करके पुलिस टीम को गुमराह करने की पूरी कोशिश की, जो सत्यापन के बाद नकली, जाली और मनगढ़ंत पाए गए। हालांकि, टीम के पास रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत थे और जब सबूतों के आधार पर लगातार पूछताछ की गई, तो आरोपितों ने आखिरकार अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी होने की बात कबूल कर ली। आरोपित शाहिद और मिंटू आरोपित मुस्ताक के बेटे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि बांग्लादेश से अवैध रूप से सीमा पार करके भारत आने पर, वे पश्चिम बंगाल और दिल्ली में स्थानीय लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड आदि जैसे नकली और जाली दस्तावेज हासिल करने में कामयाब रहे। वे पहले पश्चिम बंगाल पहुंचे और वहां से दिल्ली पहुंचे। वे दिल्ली में कई स्थानों पर रहे और फिर आखिरकार जे जे कॉलोनी, बवाना में बस गए और अब कई सालों से वहीं रह रहे हैं।आरोपित व्यक्ति वर्तमान में अपने इलाके में प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम कर रहे थे। उनके खिलाफ धारा 318(4)/336(3)/340(2)/61(2) BNS,2023 और 14 Foreigners Act के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है । उन्होंने इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता का खुलासा किया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।