अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा : नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है, गांजे के साथ-साथ अब फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट ने भी दस्तक दी है. क्राइम रिस्पांस टीम और थाना 20 पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश कर गैंग के 2 सदस्य को गिरफ्तार किया। कब्जे से चार किलो गांजा व 2480 ई सिगरेट बरामद की है. जिनकी अनुमानित कीमत लगभग एक करोड रूपये है। पुलिस के गिरफ्त में खडे सरगना रवि कुमार और शाहनवाज को पुलिस ने सेक्टर-17 ए और सेक्टर- 18 डीएलएफ तिराहे से मल्टीलेवल पार्किंग के पास से गिरफ्तार किया गया है। दोनों के कब्जे से चार किलो गांजा और 2480 ई सिगरेट बरामद।
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि यह गिरोह ई-सिगरेट की तस्करी कर शहर के पब, क्लब और और कॉलेजों के स्टूडेंट को बेच रहा था। डीसीपी ने बताया कि गिरोह का सरगना जितेन्द्र वालिया उर्फ केडी उर्फ सोनू है. जो वांछित है वही इस दोनो को माल सप्लाई करने के लिए देता था। इनके पास से पास से हुक्का और फ्लेवर्ड नशे की कई चीजें बरामद हुई है हुक्का और ई सिगरेट की आड़ में यह लोग गांजे का की सप्लाई भी करते थे पुलिस ने उसे गाड़ी को भी सीज किया है जिससे यह सप्लाई किया करते थे!इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है, जो धुएं की जगह भाप के रूप में शरीर के अंदर जाती है जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है. सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान कर दिया था।
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