अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा शहर में मादक पदार्थ का कारोबार तेजी से फैल रहा है,जिस पर काबू पाने के पुलिस कमिश्नरेट के व्दारा चलाये जा रहे अभियान में कोतवाली 39 पुलिस को उस समय बडी कामयाबी मिली जब प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बेचने वाले गैंग के दो तस्करों को गिरफ़्तार कर इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, 960 मेड इन चीन ई-सिगरेट बरामद किया है जिसका बाजार मूल 50 लाख के करीब है. पुलिस ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी को भी जप्त किया है जिसका इस्तेमाल नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जा रहा था .पुलिस के गिरफ्त में खडे तसलीम पुत्र नसीम और अहमद रफी पुत्र मौहम्मद रफीक को कोतवाली 39 पुलिस ने सेक्टर 41-42 के कट के बाद गिरफ़्तार किया.
डीसीपी नोएडा विद्यासागर मिश्र ने बताया कि इनके पास से 3 किलो 100 ग्राम गांजा, 960 आईजीईटी स्टार डिस्पोजेबल पॉन्ड डिवाइस डिजाइन इन यूएसए, मेड इन चीन फ्लेवर्ड केमिकल युक्त ई-सिगरेट बरामद किया है जिसका बाजार मूल्य 50 लाख के करीब है. डीसीपी ने बताया कि दोनों आरोपी नेपाल बॉर्डर से चीन निर्मित की सिगरेट को अंतरराष्ट्रीय सप्लायर के माध्यम से खरीदते थे और गांजा को उत्तराखंड में से खरीद कर लाते थे वह यह माल दिल्ली के रोहिणी में बार, रेस्टोरेंट और युवा पीढ़ी को नशे के लिए बेचते थे। चीन की बनी सिगरेट ब्रांडेड सिगरेट है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 50 लाख रुपए के करीब है। डीसीपी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक डिवाइस होता है जिसमें निकोटीन के साथ केमिकल के घोल भरे होते हैं जब इसमें इस्तेमाल करना वाला व्यक्ति ई-सिगरेट से कस खींचता है तो डिवाइस के जरिए और निकोटीन और केमिकल भाप में बदल जाते है, जो धुएं की जगह भाप के रूप में शरीर के अंदर जाती है जोकि फेफड़ों को गंभीर रूप से हानि पहुंचाती है. सरकार ने साल 2019 में ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, हस्तांतरण, बिक्री, विज्ञापन पर रोक लगा दी थी और इसके लिए सजा का प्रावधान कर दिया था।
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