अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी और देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आइए, हम सब देशवासी आज प्रण लें कि देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा, हर व्यक्ति को अच्छा इलाज और युवाओं को रोज़गार देना है और भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है। अगर भारत को अमीर देश बनाना है, तो सभी बच्चों के लिए शानदार व फ्री शिक्षा और हर भारतीय के लिए फ्री में अच्छे इलाज का इंतज़ाम करना होगा। यह सब पांच साल में हो सकता है। देश के सभी बच्चे अच्छे से पढ़- लिख गए तो एक पीढ़ी में ग़रीबी दूर हो जाएगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा फ्री-बी नहीं है। मां-बाप अपना पेट काटकर अपने बच्चों को पढ़ाते हैं।
वो अपने बच्चों को फ्री-बी नहीं देते। देश भर में सरकारी स्कूल भी हैं, शिक्षक भी हैं और बच्चे भी हैं। सिर्फ सिस्टम खराब है। हमें यह सिस्टम ठीक करना पड़ेगा। हमने दिल्ली में सिस्टम ठीक करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली में हर आदमी का पूरा इलाज मुफ्त कर दिया है। दिल्ली में एक व्यक्ति के इलाज पर साल में दो हजार रुपए का खर्चा आता है। अगर हम देश के सभी 130 करोड़ लोगों का मुफ्त में अच्छे इलाज का इंतजाम कर दें, तो करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। इससे पहले, सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर भी ध्वजारोहण किया। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली सरकार छात्रसाल स्टेडियम में आज स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झंडारोहण किया और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने निवास पर ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत वंदे मातरम् गीत के साथ हुई।
झंडारोहण के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्रसाल स्टेडियम में भारी तादात में मौजूद लोगों का अभिवादन किया। तीन टुकड़ियों में बंटा दिल्ली पुलिस के दल का निरीक्षण किया। इसके बाद दिल्ली होम गार्ड एवं नागरिक सुरक्षा दल, दिल्ली अग्निशमन सेवा और विशेष तौर पर शामिल दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के दल का निरीक्षण किया। इस दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने खड़े होकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अभिनंदन किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मंच पर पहुंचे। इस दौरान परेड का नेतृत्व एसीपी फिरोज आलम ने किया। इस दौरान कई सरकारी स्कूलों के बच्चों का दल भी परेड की सलामी में शामिल हुआ। परेड के माध्यम से अनेकता में एकता का संदेश दिया गया। समारोह के अंत में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल आजादपुर कॉलोनी और गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल आजादपुर विलेज के बच्चों ने गुब्बारे लाए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन गुब्बारों को खुले आसमान में उचाई पर उड़ने के लिए छोड़ा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सभी देशवासियों को आजादी की 75वीं सालगिरह की बधाई देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से किस तरह से देश भर में चारों तरफ जबरदस्त उल्लास और खुशी है। लोग अपने-अपने तरीके से आजादी के 75 साल मना रहे हैं। हवाओं में देशभक्ति है, फिजाओं में देशभक्ति है। चारों तरफ देशभक्ति का जुनून है। यह समय है उन शहीदों को याद करने का, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। यह समय है, उन लोगों को याद करने का जिन्होंने कठोर संघर्ष करके और जबरदस्त यातनाएं बर्दाश्त करके हमारे देश को आजाद कराया। बाबा साहब अंबेडकर, भगत सिंह, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद समेत कितने लोग है और इतने सारे लोग भी हैं, जिनके बारे में हम जानते भी नहीं हैं। उस वक्त देश के कोने-कोने में आजादी की आग लगी हुई थी। लोग देश को आजाद कराने के लिए खुशी-खुशी अपनी जान दे देते थे।
आजादी के 75वें साल के उपलक्ष्य पर मैं उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करता हूं और पूरे सादर के साथ उन्हें नमन करता हूं। मैं उन सब लोगों को भी याद करता हूं और उन सभी लोगों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने आजादी के 75 साल में देश को आगे बढ़ाने, देश के विकास और तरक्की के लिए खूब संघर्ष और मेहनत की है। आजाद होना एक बात थी और आजादी को बरकरार रखना और आगे बढ़ना एक और बात है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 75 साल में देश ने खूब तरक्की की है। कई क्षेत्रों के अंदर तरक्की की है, आज उस तरक्की का जश्न मनाने का समय है। लेकिन इसी मौके पर यह भी सोचने का वक्त है कि आज देश के सामने क्या चुनौतियां हैं और भविष्य में हमें किस दिशा में जाना है। किसी भी देश के जीवन में 75 साल कोई बड़ा समय नहीं होता है, लेकिन बहुत कम समय भी नहीं होता है।
75 साल काफी होते हैं। आज आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में मन में प्रश्न आ रहा हैं कि हम 75 साल पहले आजाद हुए। इन 75 सालों में कई और देश हमारे बाद आजाद हुए, वो हमसे आगे क्यों निकल गए। सिंगापुर भारत से 15 साल बाद आजाद हुआ। वो हमसे आगे क्यों निकल गया। द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। हिरोशिमा और नागासाकी के उपर बम डाले गए थे। उसके बावजूद आज जापान हमसे आगे क्यों निकल गया। हिटलर के बाद जर्मनी भी द्वितीय विश्व युद्ध में खत्म हो गया था। आज जर्मनी हमसे आगे क्यों निकल गया। हमारे में कोई कमी थोड़ी है। भारत के लोग किसी से कम थोड़ी है। भारत के लोग दुनिया के सबसे बुद्धिमान, मेहनती और अच्छे लोग हैं। फिर भारत पीछे क्यों रह गया। भगवान ने हमें नदियां, पहाड़, जड़ी-बूटियां, फसलें, खनिज पदार्थ सब कुछ दिया। जब भगवान ने पृथ्वी मनाई तो सबसे खूबसूरत और अच्छी जगह भारत को बनाया। जब भगवान ने इंसान को बनाया, तो सबसे शानदार और बुद्धिमान लोग उसने भारत में बनाया। फिर भारत पीछे क्यों रह गया। यह सोचने की बात है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, स्वीडन, नार्वे, डेनमार्क, जापान, फ्रांस, इटली, कनाडा समेत विश्व के जितने अमीर देश हैं, ये अमीर क्यों बने। इन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बहुत सारे काम किए। लेकिन इन सारे देशों ने दो काम जरूर किए। पहला, हर अमीर देश ने अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम किया। मैंने सभी अमीर देशों का अध्ययन किया है। एक भी ऐसा अमीर देश नहीं मिला, जिसमें बच्चों की पढ़ाई खराब है। अगर भारत को अमीर बनना है कि अपने सारे बच्चों की अच्छी पढ़ाई का इंतजाम करना पड़ेगा। हमें अपने बच्चों की अच्छी शानदार पढ़ाई का इंतजाम करना पड़ेगा। अमीर और गरीब सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी पड़ेगी। दूसरी चीज, सभी अमीर देशों ने अपने नागरिकों के अच्छे इलाज का इंतजाम किया। कोई बीमार हो जाए, तो वहां अमीर या गरीब सबका अच्छा इलाज होता है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक गीत सुनाते हुए कहा कि जब भारत मां का हर बच्चा अच्छी शिक्षा पाएगा, तभी अमर तिरंगा शान से आसमान में लहराएगा। जब भारत मां के हर वंदे को अच्छा इलाज मिल पाएगा, तभी अमीर तिरंगा शान से लहराएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे 130 करोड़ लोगों के देश में 27 करोड़ बच्चे रोज स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। इन 27 करोड़ बच्चों में से 10 करोड़ बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं, जबकि 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सारे सरकारी स्कूल खराब हैं। देशभर में कई सारे सरकारी स्कूल अच्छे भी हैं। लेकिन हम जानते हैं कि देशभर में बहुत सारे स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। दीवारें व छतें टूटी पड़ी हैं, डेस्क नहीं नहीं है, पढ़ाई नहीं होती है। एक गरीब आदमी को बड़ी मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजना पड़ता है। कोई आदमी थोड़े से पैसे बचा लेता है, तो वो सोचता है कि मैं अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजूं। मैं पूछना चाहता हूं कि आज एक ड्राइवर गरीबी के कारण अपने बच्चे को देशभर में कहीं सरकारी स्कूल में भेजता है, तो क्या वो डॉक्टर, इंजीनियर बनने का ख्वाब देख सकता है। आज एक रिक्शेवाले, गरीब किसान, कारपेंटर, प्लंबर, मजदूर का बच्चा अपनी गरीबी के कारण कहीं सरकारी स्कूल में जाता है, तो क्या वो डॉक्टर इंजीनियर, अच्छा कैरियर बनाने का ख्वाब देख सकता है। दिल्ली में एक गरीब आदमी का बच्चा सरकारी स्कूल में जाता है, तो वो डॉक्टर, इंजीनियर और वकील बनने का ख्वाब देख सकता है।
दिल्ली में अब होने लग गया है। दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे 12वीं के छात्र कुशाल गर्ग के पिता कारपेंटर हैं। मुश्किल से 10-12 हजार रुपए महीना कमाते हैं। आज से छह-सात साल पहले कुशाल गर्ग बताता है कि पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की भी बहुत बुरी हालत थी। मैं सोच भी नहीं सकता था कि मैं कुछ बनूंगा। आज 12वीं के बाद कुशाल गर्ग का एडमिशन ऑल इंडिया मेडिकल साइंसेज में हुआ है। यह बहुत बड़ी बात है। आप सोच कर देखिए। वो लड़का डॉक्टर बनने के बाद कम से कम तीन-चार लाख रुपए महीना कमाया करेगा। अपने परिवार की गरीबी दूसर करेगा, देश का नाम रौशन करेगा और देश को आगे लेकर जाएगा। एक बच्चा संबित गौर के पिता प्लंबर का काम करते हैं। मुश्किल से 8-10 हजार रुपए महीना कमाते हैं। आज से पांच-सात साल पहले संबित गौर भी कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि मैं कभी डॉक्टर, इंजीनियर बनूंगा। आज संबित का एडमिशन आईआईटी के अंदर कंप्यूटर इंजीनियरिंग में हुआ है। वो कम्प्यूटर इंजीनियर बनने के बाद कम से कम तीन-चार लाख रुपए महीना कमाएगा। अपने परिवार की गरीबी दूर करेगा, देश का विकास करेगा और देश का नाम रौशन करेगा। यह तो सिर्फ चंद उदाहरण है। दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाला एक-एक बच्चा अब बहुत शानदार कैरियर लेकर बाहर निकल रहा है।