अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा की साइबर सिटी गुरुग्राम में लेबर कॉन्ट्रेक्ट का काम करने वाली एक कंपनी में करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है. कंपनी की शिकायत पर गुरुग्राम पुलिस ने मामला दर्ज कर कंपनी के ही एक अकाउंट एक्जीक्यूटिव को गिरफ्तार किया है. पुलिस आरोपित से पैसों की वसूली के साथ-साथ गहनता से पूछताछ करने में जुट गई है.आरोपित का नाम रणविजय सिंह निवासी गाँव मेहत्रा, थाना विक्रमगन्ज, जिला रोहताश , बिहार हाल निवासी मकान नं. 28, गली नं. 2, सारिका विहार नजफगढ, दिल्ली, उम्र 33 वर्ष हैं।
घटना गुरुग्राम के न्यू पालम विहार में मौजूद फेवरिकेशन करने वाली एक कंपनी की है. कंपनी प्रबंधन ने थाना पालम विहार में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी कंपनी में काम करने वाले अकाउंट एक्जीक्यूटिव ने खातों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये का गबन कर लिया है. कंपनी प्रबंधन ने बताया कि आरोपित का नाम रणविजय है, जो वर्ष 2008 से कंपनी में अकाउंट एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है.मामले का खुलासा तब हुआ,जब बीते दिनों कंपनी ने ऑडिट करवाया.पता चला कि खातों में लगभग 7 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है.जब कंपनी के अधिकारियों ने अकाउंट एक्जीक्यूटिव रण विजय से पूछताछ की तो वो कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पाया.
शक होने पर जब रणविजय से कड़ाई से पूछताछ की गई और उसके खाते चेक किए गए तो मालूम हुआ कि 7 करोड़ रुपये रणविजय ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर किए हैं. ऐसा कर रणविजय ने कंपनी के साथ धोखाधड़ी की.थाना पालम विहार पुलिस ने इस संबंध में रणविजय के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने रणविजय को गुरुग्राम के बजघेड़ा चौक से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.उसने पुलिस को बताया कि उसने यह रकम अपने पिता, ससुर और साले के खातों में डाली है.पुलिस ने रणविजय को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया.अब पुलिस ने ट्रांसफर की गई रकम वसूलने की कवायद शुरू कर दी है.