अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: गुरुग्राम जिला के पहाड़ी क्षेत्र में कहीं भी अवैध खनन कार्य होने की सूचना मिले तो उस मामले में तुरंत प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अरावली गुरुग्राम का संरक्षित वन क्षेत्र है और इसे सुरक्षित बनाए रखना जिला के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। लघु सचिवालय के सभागार में अवैध खनन से संबंधित बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी अजय कुमार ने आज ये शब्द कहे। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम अपने उपमंडल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस विभाग व खनन विभाग के साथ संयुक्त टीमें बनाकर पहाड़ी क्षेत्र का औचक निरीक्षण करें और कहीं भी अवैध निर्माण या खनन की शिकायत मिलती है तो कानूनी कार्यवाही करते हुए इसे बंद करवाया जाए।
डीसी ने बताया कि जिला के नौरंगपुर, रायसीना व पटौदी क्षेत्र में इस समय 32 स्टोन क्रशर और सात ईंट-भट्ठे हैं। इन सभी को ग्रैप-4 लागू होने के कारण काम बंद रखने की हिदायत दी हुई है। कोई भी क्रशर या ईंट-भट्ठा चलता हुआ पाया गया तो उसे तत्काल सील करवा दिया जाएगा। अरावली की पहाड़ियों में किसी प्रकार का अवैध निर्माण किया जा रहा है तो ठोस कार्यवाही करते हुए उसे बंद करवाया जाए। जिला में कहीं भी अवैध खनन कार्य नहीं होना चाहिए। केवल जुर्माना लगा कर दोषी व्यक्ति को ना छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री के ओवरलोड वाहन पकड़े जाते हैं तो उस सामग्री की नीलामी करवाने की प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।बैठक में एडीसी हितेश कुमार ने बताया कि रायसीना पहाड़ी क्षेत्र में अवैध निर्माण गिराने के लिए कुछ समय पहले प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई थी। इस मामले में कड़ा कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। जिला खनन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि स्टोन क्रशर संचालक पिसाई के लिए राजस्थान या जिला के बाहर नारनौल, दादरी आदि से पत्थर मंगवाते हैं, उनको यहां पहाड़ में खुदाई करने की अनुमति नहीं है। इस अवसर पर गुरूग्राम के एसडीएम रविंद्र कुमार, सोहना के एसडीएम होशियार सिंह, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी, एसएचओ भोंडसी मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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