Athrav – Online News Portal
गुडगाँव स्वास्थ्य

गुरुग्राम: हर नवजात शिशु की सुनाई की जांच हो- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम:3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत में करीब 6 करोड लोग बहरेपन का शिकार है जिसमें से 50 लाख बच्चे हैं। ईएनटी सर्जन और आईएमए गुडगांव के अध्यक्ष डॉ एनपीएस वर्मा ने बताया कि दिमाग का 90% विकास पहले 5 वर्षों में हो जाता है इसलिए जरूरी है कि जो बच्चे सुन नहीं सकते उनकी पहचान जल्दी की जाए और सुनाई की मशीन या कोकलियर इंप्लांट्स के जरिए उनका इलाज किया जाए ताकि यह बच्चे साधारण जीवन व्यतीत कर सकें।  ईएनटी सर्जन , आई एम ए गुडगांव की सचिव डॉ सारिका वर्मा ने बताया कि वह नेशनल इनीशिएटिव फॉर सेफ साउंड की राष्ट्रीय कन्वीनर हैं और कई वर्षों से नवजात शिशु के बहरेपन की समय पर पहचान के लिए काम कर रही है।  उन्होंने बताया कि हर नवजात शिशु की सुनाई की जांच (ओ ए इ) पहले महीने में हो जाने चाहिए। 

जिन बच्चे की जांच में कोई कमी हो उनकी 3 महीने पर दोबारा  जांच की जाती है और बेरा टेस्ट से पक्का हो जाए की बच्चे की सुनाई में कमी है तो 6 महीने से पहले सुनने की मशीन  लग जानी चाहिए। जो बच्चे बहुत ज्यादा बहरे हो उनको ऑपरेशन कर कोकलियर इंप्लांट्स भी लगाया जा सकता है। डॉ अजय अरोड़ा  वरिष्ठ बाल चिकित्सा ने कहा कोकलियर इंप्लांट्स के लिए अस्पतालों में बैंकों से लोन का भी प्रावधान किया गया है।  जो बच्चे कमजोर आर्थिक वर्ग  से हैं उन्हें गुडगांव डिस्ट्रिक्ट प्रशासन फ्री सुनाई की मशीन और कोकलियर इंप्लांट भी लगवाता है। डॉ अभिषेक गोयल बाल चिकित्सा ने कहा समय पर बच्चे को सही इलाज और स्पीच थेरेपी मिले तो यह बच्चे साधारण बच्चों की तरह साधारण स्कूल  में जा सकते हैं और  नौकरी भी कर सकते हैं।  जरूरी है कि इलाज 2-5 वर्ष की आयु से पहले किया जाए। डॉ सारिका ने कहा भारत में 1000 नवजात शिशु में 3 बच्चे बहरे पैदा होते हैं और माता पिता आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नर्स डॉक्टर और पूरे समाज की जिम्मेदारी है इन बच्चों को जल्दी पहचान कर समय पर इलाज शुरू किया जाए।  जो बच्चे 5 साल के ऊपर है उनको साइन लैंग्वेज द्वारा पढ़ाई की जाती है और आईटीआई के जरिए ट्रेनिंग देकर नौकरी करने लायक बनाया जा सकता है।  विश्व श्रवण दिवस पर सभी लोगों से विनती है बहरापन ऐसी विकलांगता है जो दिखाई नहीं देती, तो बहरेपन को जल्द पहचानने की कोशिश की जाए ताकि यह बच्चे समाज का साधारण अंग बन सकते हैं। 

Related posts

एडवोकेट नवीन के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने के लिए मुख्यमंत्री से राव इंद्रजीत ने की मांग

Ajit Sinha

गुरुग्राम : विकास कार्यों में लोगों का सहयोग भी जरूरी: उमेश अग्रवाल

Ajit Sinha

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी आधुनिक भारत के शिल्पकार थे: जितेंद्र भारद्वाज

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x