अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
गौतम बुध्द नगर पुलिस कमिश्नरेट ने ऑपरेशन मुस्कान चलाकर 72 गुमशुदा बच्चों के परिजनों को ढूंढकर उनको सीडब्ल्यूसी के माध्यम से परिजनों को सौंपा और गमजदा परिवारों के चेहरों पर खुशी लौटाई । लापता बच्चों को बरामद करने वाली टीम और अधिकारीयो को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने सम्मानित भी किया और कहा कि टेक्नोलॉजी, ट्रेनिंग और ह्यूमन इंटेलिजेंस के समन्वय से यह अभियान चलाया गया जो अत्यंत सराहनीय है। ऑपरेशन मुस्कान ने उन परिवारों को खुशी दी है जिन्होंने अपने बच्चों को पाने की उम्मीद खो दी थी।
पुलिस कमिश्नरेट के सभागार में आयोजित एक माह तक चले ऑपरेशन मुस्कान के समापन पर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने जहां पुलिसकर्मियों सम्मानित किया। वही इस बात पर खुशी जाहिर की, कि यह एक सफल अभियान था। जिसमें 72 बच्चों को उनसे परिजनों को तलाश कर सौंपा गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए कुल 40 टीमें बनाई ,गई थी जिन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश, एनसीआर रीज़न और दूरदराज के उत्तर प्रदेश के रीजन में जाकर टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग और ह्यूमन इंटेलिजेंस के समन्वय से इन बच्चों के मां -बाप को तलाश कर पीडब्ल्यूडी के माध्यम से उन्हें सौंपा।
आलोक सिंह ने बताया कि यह बच्चे अलग-अलग कारणों से अपने परिवार से जुदा हो गए थे। इन बच्चों के घर छोड़ने के जो प्रमुख कारण थे उनमे से बताया गया है, कुछ अभिभावकों की डांट से गुस्से में आकर घर चल छोड़ दिया था। कुछ बच्चे ऐसे थे जो स्वयं ही घूमने के लिए आसपास के क्षेत्रों में गए, बाद में रास्ता भटक गए घर तक नहीं पहुंच पाए। इसी तरह की अन्य छोटे-छोटे संस्मरण लोग और बच्चों ने बताए हैं। इनमे से एक ऐसा बच्चा था जो बोल भी नहीं पता था, और सुन भी नहीं पाता था उसे पुलिस टीम ने 8 घंटे के रिकॉर्ड समय के अंदर करके परिवार तक पहुंचा दिया।
अभियान को सफल बनाने वाले पुलिसकर्मी सम्मानित किए जाने से जहां खुश हैं लेकिन उनकी खुशी उससे ज्यादा इस बात से थी कि उनके प्रयास से उन परिवार वालों को खुशी मिली है। जो अपने बच्चों को पाने की उम्मीद हो चुके थे, और बच्चे के परिवार वाले भी इस बात से बेहद खुश हैं, वे पुलिस की टीम सराहना कर रहे है। आलोक सिंह इस ऑपरेशन को आगे निरंतर जारी रखने के लिए पुलिस टीमों को निर्देश दिए हैं. अब भी कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें उम्मीद है कि पुलिस के प्रयास से वो भी अपने बच्चों से फिर मिल सकेंगें।
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