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हरियाणा: सार्वजनिक समारोह खुले में  200 और  इंडोर में 50, अंतिम संस्कार में 20 से अधिक लोग एकत्र  नहीं हो सकेंगे,दिन में शादी करें 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश और प्रदेश में दिनोंदिन बढ़ते कोरोना मामलों के चलते हमें कड़ी सावधानी बरतनी होगी। गत वर्ष लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां रूक गई थीं जिन्हें पटरी पर आने में लगभग 6 महीने लग गए। इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना है कि प्रदेश में आर्थिक चक्र भी चलता रहे और किसी की जान भी न जाए। मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा में कोविड- 19 मामलों और टीकाकरण की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उप-मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे जबकि स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि कौन सी चीज अपरिहार्य है और किस चीज को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना का विस्तार शिक्षण संस्थानों से शुरू हुआ है, इसलिए वहां अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। हमें सार्वजनिक समारोहों आदि में भीड़ को भी कम करने की जरूरत है।
इसलिए निर्णय लिया गया है कि अब से सार्वजनिक समारोह में खुले में 200 और इंडोर में 50 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकेंगे। इसी तरह, अंतिम संस्कार में भी 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जिलों में एडवाइजरी जारी कर रात के समय होने वाले शादी समारोहों का समय बदलकर दिन में किया जाए। इसके अलावा,नवरात्रों के कार्यक्रम भी रात की बजाय दिन में आयोजित किए जाएं। मनोहर लाल ने कहा कि आंदोलन करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और आंदोलन करने वालों से हमारा कोई विरोध नहीं है। लेकिन हर काम का अपना समय होता है। इस समय कोरोना के चलते जीवन का संकट हो सकता है, इसलिए आंदोलन करने के लिए यह समय सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि मानवीयता के नाते इस समय वे अपना आंदोलन वापस लें। अगर अपनी किसी मांग के लिए उन्हें धरने या प्रदर्शन करने हैं तो ये हालात ठीक होने पर भी किए जा सकते हैं। उन्होंने उपायुक्तों को भी निर्देश दिए कि वे आंदोलनरत किसानों से संपर्क करके उन्हें मनाने की कोशिश करें। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि वे जरूरत पडऩे पर ही अपने घरों से निकलें और जब भी घर से बाहर निकलें,मास्क ,सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और बैड की समुचित व्यवस्था है। इसलिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडक्रॉस को सक्रिय किए जाने की बात कही है। इसी तरह, हमें कोराना से निपटने के कार्य में वालंटियर, एक्स सर्विस मैन और सक्षम युवाओं को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को 30 तक ले जाने की बात कही है। हाल ही में जिस तरह से कोरोना की गति बढ़ी है उसे देखते हुए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करना बेहद जरूरी है। जिला प्रशासन हालात से निपटने के लिए अपने स्तर पर योजना बनाए और सख्ती के साथ-साथ अपील भी करे क्योंकि अक्सर सख्ती की बजाय अपील का  असर ज्यादा होता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगे से सभी बैठकें ऑनलाइन या वैबिनार के जरिए की जाएं ताकि लोगों का आना-जाना कम हो सके।           

मनोहर लाल ने कहा कि अब खरीद का समय चल रहा है। ऐसे में खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि जल्द से जल्द फसल की खरीद हो और भीड़ जमा न हो। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि आगामी 10-12 दिन के लिए राइस मिल, स्कूलों और शैड आदि में खरीद केंद्र बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जिलों में उठान कम हो रहा है। उन्होंने सोनीपत, पानीपत, हिसार, जींद, सिरसा, दादरी, फतेहाबाद, गुरुग्राम और पलवल जिलों के उपायुक्तों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आगामी शनिवार को बारिश के आसार बन रहे हैं, इसलिए उठान का कार्य जल्द से जल्द किया जाए। किसानों, आढ़तियों या सरकार को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोरोना को फैलने से रोकने के दो तरीके हैं। पहला तरीका लॉकडाउन और दूसरा- सख्ती है। हम चाहते हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन की बजाय सख्ती बरतकर हालात से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि हम सख्ती बरतकर लोगों की नाराजगी झेल सकते हैं लेकिन लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते। इस बार कोरोना अति सक्रिय है। पिछले साल यह धीरे-धीरे बढ़ा था लेकिन इस बार एक ही दिन में लगभग साढ़े पांच हजार मामले सामने आना गंभीर चिंता की बात है। इसलिए हमें कंटेनमेंट और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने होंगे। अतिरिक्त बैड की व्यवस्था करें। जरूरत पडऩे पर स्कूलों, धर्मशालाओं में भी बैड लगाए जा सकते हैं।उन्होंने कहा कि उपायुक्त मॉनिटरिंग कमेटी बनाकर नियमित निगरानी करें। उन्होंने रेमेडिशिविर की कालाबाजारी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके लिए ड्रग्स टीमें लगाकर चैकिंग की जाए। ऐसे समय में भी जो व्यक्ति पैसे कमाने की लालसा रखता है, ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के घर जाकर कम से कम दो दिन में एक बार अवश्य उनकी जांच की जाए। इसके लिए बाकायदा एक ऐप बनाई गई है। विज ने कहा कि उन्होंने पिछली बार हर जिले में लोगों से पूछा था और इस बार भी रियलिटी चैक जरूर किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव  विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस.ढेसी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  संजीव कौशल,शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  एस.एन.राय, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रधान सचिव  वी.उमाशंकर , मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन संपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ.अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री की अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ तथा विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक  आर. सी. बिढ़ान समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त तथा सिविल सर्जन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
  

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