अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ: बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने अपने चंडीगढ़ स्थित निवास पर मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आज सुबह साढ़े चार बजे से एक हजार से ज्यादा अधिकारियों की 236 टीमें बनाकर बड़े उद्योगों में हो रही बिजली चोरी के खिलाफ छापेमारी की गई। इस छापामारी में करीब 1100 से अधिक बिजली चोरी के इंडस्ट्री के मामले पकड़े हैं। इससे बिजली बोर्ड को लगभग 100 करोड़ का रेवेन्यू इकठ्ठा होगा। उन्होंने कहा कि इन टीमों में बिजली विभाग के दो डारेक्टर, 6 एससी, चीफ इंजीनियर व एक्शन, जेई व अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने मोनिटरिंग करने के साथ साथ छापेमारी की है।
उन्होंने कहा कि यह छापेमारी 5 बड़े शहरों के उद्योगों में की गई है। जिनमें गुरुग्राम, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, रेवाड़ी व हिसार शामिल हैं । उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में चोरी पकडऩे के लिए बड़े स्तर पर छापे मारे गए हैं। इन छापों के जरिये सरकार प्रदेश के नागरिकों को यह संदेश देना चाहती है कि बिजली चोरी अब किसी भी स्तर पर सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज की छापेमारी में तारों में कट, मीटर में गड़बड़ी आदि के कई मामले सामने आए हैं और चोरी की इन गड़बड़ी में अधिकारी भी शामिल पाए गए हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार छापेमारी से 3000 किलोवाट से ज्यादा की बिजली की चोरी पकड़ी गई जिससे एकदम लाइन लॉस नीचे आएगा। लाइन लॉस कम होने से बिजली क्षमता में सुधार आएगा और उपभोक्ताओं को और भी सस्ती बिजली मिल पाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार बिजली चोरी पकडऩे के लिए सबसे बड़ा एक्शन लिया गया है। लम्बे इनपुट के आधार पर यह छापेमारी की गई है ताकि बिजली चोरी को बिल्कुल बन्द किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की बिजली चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने की योजना है। इसलिए सभी उपभोक्ता ईमानदारी से अपना बिल भरें। इससे विभाग का राजस्व बढेगा और उपभोक्ताओं को अच्छी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि उद्योगों में हो रही बिजली चोरी के खिलाफ बड़े स्तर पर छापेमारी से बिजली चोरी में काफी कमी आएगी।