अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर काम करते हुए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा फरवरी, 2021 के दौरान 8 जांचें दर्ज की गईं और 9 जांचें पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें से पाँच जांचों में आरोप सिद्ध हुए हैं।
ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि 1 जांच में 3 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने व एक प्राइवेट व्यक्ति के विरुद्ध एचएसआईआईडीसी के नियमानुसार कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। दूसरी जांच में शिकायतकर्ता के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। तीसरी जांच में संबंधित विभाग द्वारा अपने स्तर पर उचित कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है। शेष दो जांचों मं सरकार द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, इस माह के दौरान ब्यूरो द्वारा 4 स्पेशल चैकिंग तकनीकी रिपोर्ट चौकसी विभाग को भेजी गई, जिनमें सभी कार्य संतोषजनक पाए गए।
उन्होंने बताया कि इसी अवधि के दौरान 5 कर्मचारियों को 2,500 रुपये से 45,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्घ भ्रष्टïचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं। इनमें नगर परिषद, जींद कार्यालय में कार्यरत सुरेश कुमार, सेवादार को 2500 रुपये, हरियाणा परिवहन, हिसार में केंद्रीय कर्मशाला में लिपिक रामनिवास को 45,000 रुपये, एनआईटी जोन नगर निगम फरीदाबाद में विज्ञापन शाखा में कार्यरत नरेंद्र सिंह, लिपिक (आउटसोर्स) को 8,000 रुपये तथा डॉ. योगेंद्र सिंह, राजकीय पशु चिकित्सालय, फिरोजपुर झिरका, नूंह और मंगत राम, सफाई कर्मचारी को 3000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है।